11 केस, फर्जी पासपोर्ट, लॉरेंस का भाई… सलमान के खिलाफ साजिशें रचने वाले अनमोल बिश्नोई की देश से फरारी की कहानी

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में जिन तीन शूटर्स के नाम सामने आए हैं, वे तीनों ही इस हाई प्रोफाइल कत्ल की वारदात से पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक, अनमोल इन तीनों शूटर्स के साथ स्नैपचैट एप के ज़रिए संपर्क में था. उसके नाम का खुलासा होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दस लाख रुपये का इनाम रख दिया है. साथ ही बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के सिलसिले में अब तक क्राइम ब्रांच 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनसे लगातार पूछताछ की जा रही है.

ऐसे सामने आया लॉरेंस गैंग का कनेक्शन
गुरमैल सिंह और धर्मेंद्र कश्यप.. वही दोनों शूटर हैं, जिन्हें 11 अक्टूबर की रात बांद्रा में बाबा सिद्दीकी की गोली मारने के फौरन बाद गिरफ्तार किया गया था. बाबा सिद्दीकी मर्डर केस की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों शूटर कत्ल से पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के साथ लगातार संपर्क में थे. उससे स्नैपचैट के जरिए बात कर रहे थे. 

अभी तक 10 लोगों की गिरफ्तारी
बता दें कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस की साजिश से जुड़े कुल 10 लोगों को अब तक पुलिस ने गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच को इस साजिश में शामिल लोगों के पास से कुल 4 फोन मिले हैं. जिनसे इस बात की तस्दीक होती है कि शूटर बाबा सिद्दीकी के कत्ल से पहले अनमोल बिश्नोई के साथ स्नैपचैट के जरिए संपर्क में थे. क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक जिन 3 शूटरों को ये काम अंजाम देना था यानी गुरमैल सिंह, धर्मेंद्र कश्यप और शिवकुमार. ये तीनों ही अलग-अलग वक्त में अनमोल बिश्नोई से स्नैपचैट पर बात कर रहे थे.

गैलेक्सी शूटआउट में भी वॉन्टेड है अनमोल
क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो ये पहला ऐसा सबूत है, जो ये साबित करता है कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में शूटर सीधे लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे. हालाकि मुंबई पुलिस को ये बात चौंकाती नहीं है. क्योंकि इसी साल अप्रैल में सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर जो शूटआउट हुआ था उसमें भी अनमोल बिश्नोई वॉंटेड है. गिरफ्तार 10 लोगों से पूछताछ के बाद अब लगभग ये तस्वीर भी साफ हो गई है कि बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वालों में मेन शूटर की भूमिका शिवकुमार ने निभाई थी, जो अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक गोली चलाने वाले तीन शूटरों के अलावा पुणे से गिरफ्तार परवीन लोनकार भी अनमोल बिश्नोई के साथ सीधे संपर्क मे था. 

अनमोल पर इसलिए रखा गया 10 लाख का इनाम
इसी बीच नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी यानि NIA ने लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई के सर 10 लाख रुपये के इनाम का ऐलान कर दिया है. NIA ने ये कदम सलमान के घर गैलेक्सी पर गोली चलाने के मामले और अब बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में शूटरों के साथ अनमोल बिश्नोई के संपर्क में रहने के सबूत सामने आने के बाद उठाए हैं. हांलाकि अनमोल बिश्नोई की NIA को पहले से ही तलाश है. सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के बाद से ही वो फरार हो गया था. 

पुर्तगाल के निकले आईपी एड्रेस 
शुरु में उसे केनिया में देखे जाने की खबर आई थी. लेकिन फिर दो साल पहले अप्रैल 2023 मे अमेरिकी राज्य कैलिफॉर्निया के बेकर्सफील्ड में अनमोल बिश्नोई एक कार्यक्रम में दिखा था. पंजाबी सिंगर औजला और शेरीमान के इस कार्यक्रम में अनमोल बिश्नोई की स्टेज पर सेल्फी लेती हुई तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई थी. हांलाकि अनमोल बिश्नोई के सोशल मीडिया पर डाले गए कई पोस्ट खासकर फेसबुक पर जो डाले गए थे. जब उसके आईपी एड्रेस की पड़ताल हुई तो पता चला आईपी एड्रेस पुर्तगाल का है. 

फर्जी पासपोर्ट से भागा था अनमोल
फिलहाल अनमोल बिश्नोई के बारे में यही ख़बर है कि वो अमेरिका मे ही छुपकर रह रहा है और अक्सर कनाडा आता जाता रहता है. NIA के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के बाद पुलिस से बचने के लिए लॉरेंस ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई को फर्जी पासपोर्ट के जरिए नेपाल के रास्ते दुबई, फिर दुबई से कीनिया और वहां से अमेरिका भेज दिया. 

अनमोल के खिलाफ दर्ज हैं 11 केस
सिद्धू मूसेवाला और सलमान के घर गैलेक्सी पर शूटआउट समेत अनमोल बिश्नोई पर कुल 11 मुकदमें दर्ज है. देश से भागने से पहले अनमोल बिश्नोई एक मर्डर केस में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद था. 7 अक्टूबर 2021 को उस केस में जमानत मिलने के बाद वो बाहर आया. और उसके बाद फिर कभी कानून के हाथ नहीं लगा. nia ने इसी साल जनवरी में देश के अलग-अलग 32 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान बरामद सबूतों के मिलने के बाद ही अनमोल बिश्नोई पर 10 लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया. 

हथियार, नकदी और डिजिटल सबूत
दरअसल, एनआईए ने पंजाब, हिरयाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ के अलग-अलग ठिकानो पर रेड मारकर वहां से बड़ी मात्रा में हथियार, कैश और कुछ डिजिटल सबूत बरामद किए थे. इन सबूतों से बैंड बब्बर खालसा इंटरनेशनल और लॉरेंस गैंग सिंडिकेट के कनेक्शन की जानकारी मिली थी. इन्हीं सबूतो में अनमोल बिश्नोई के खिलाफ भी तमाम अहम सूबत मिले थे. 

यूट्यूब देखकर गोली चलाने की प्रैक्टिस 
उधर, दूसरी तरफ बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अब भी पुलिस बाकी बचे चार फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है. इस बीच गिरफ्तार बाकी चार आरोपियों से पूछताछ में कई नए खुलासे हुए हैं. मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, तीन में से दो शूटरों गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप ने बाबा सिद्दीकी को गोली मारने से पहले करीब 15 दिनों तक यूट्यूब पर वीडियो देखकर गोली चलाने की प्रैक्टिस की थी. इसके लिए दोनों पिस्टल में बिना मैगजीन डाले ही ट्रिगर दबाने और निशाना लगाने की प्रैक्टिस कर रहे थे. पकड़े गए आरोपियों के पास से शूटआउट में इस्तेमाल दो पिस्टल भी बरामद कर लिए गए हैं.

कई बार की गई बाबा को मारने की कोशिश
पूछताछ के दौरान ये भी खुलासा हुआ है कि शूटरों ने 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी को गोली मारने से पहले कम से कम 10 बार और भी ऐसी ही कोशिश की थी. इस दौरान वो कई ऐसी जगह पर पहुंचे जहां बाबा सिद्दीकी मौजूद थे. लेकिन उन्हें गोली चलाने का मौका नहीं मिल पाया. वजह ये थी कि कभी बाबा सिद्दीकी अपने समर्थकों से घिरे थे, कभी उनके आसपास सुरक्षा घेरा मजबूत था तो कभी शूटरों को वारदात के लिए खुली जगह नहीं मिली. इसी के बाद रेकी के दौरान उन्होंने तय किया कि बाबा सिद्दीकी को वो उनके बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर ही गोली मारेंगे, क्योंकि जीशान के ऑफिस के बाहर काफी खुला एरिया था. जहां से भागने के कई रास्ते थे.

ऐसे सामने आया हरीश कुमार का नाम
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच बाबा सिद्दीकी के कत्ल के सिलसिले में गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप को वारदात वाली रात ही मौके से गिरफ्तार कर चुकी थी. तीसरा आरोपी परवीन लोनकार पुणे से पकड़ा गया. इन तीनों से पूछताछ के बाद साजिश में शामिल एक और शख्स का नाम सामने आया. हरीश कुमार निषाद. हरीश कुमार भी पुणे में ही परवीन के तबेले के बराबर में कबाड़ की दुकान चलाता है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक परवीन ने ही निषाद को 60 हजार रुपये दिए थे. एक पुरानी बाइक खरीदने के लिए. इसी बाइक से शूटरों को बाबा सिद्दीकी की रेकी करनी थी. पुणे में ही पुरानी बाइक खरीदने के बाद निषाद वही बाइक खुद से चलाता हुआ मुंबई पहुंचा था. मुंबई में उसने कुर्ला में ठहरे हुए शूटरों को ये बाइक सौंप दी. पुलिस ने कुर्ला के उसी घर से ये बाइक बरामद कर ली है.

पूछताछ के दौरान सामने आया सच  
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जो कहानी निकलकर सामने आई वो कुछ यूं है कि पंजाब के जालंधर के शकर गांव का रहने वाला जीशान अख्तर मर्डर और डकैती के केस में पटियाला जेल में बंद था. उसका अपना एक गैंग है. वो साल 2022 से जून 2024 तक पटियाला जेल में ही बंद था. यहीं उसकी मुलाकात लॉरेंस गैंग के कुछ गुर्गों से हुई. इसके अलावा जेल में रहने के दौरान ही उसकी मुलाकात गुरमैल सिंह से भी हुई. जो अपने बड़े भाई के कत्ल के इल्जाम में सजा काट रहा था. इसी साल 7 जून को जीशान जमानत पर जेल से बाहर आ गया. इसी दौरान गुरमैल भी जमानत पर जेल से बाहर आ चुका था. जीशान ने गुरमैल के घर कैथल जाकर उससे मुलाकात की थी. इसके बाद मुंबई चला गया था.

जीशान ने किया था शूटरों का इंतजाम
मुंबई पुलिस के मुताबिक पटियाला जेल में रहने के दौरान ही लॉरेंस गैंग के गुर्गों से बातचीत के बाद जीशान अख्तर को उसका मैसेज मिला. उसे टारगेट का नाम बताया गया. यह टारगेट कोई और नहीं बाबा सिद्दीकी ही थे. अब जीशान को शूटरों का इंतजाम करना था. लॉरेंस गैंग के काम करने के तरीके को देखते हुए. ऐसे शूटर चुने जाने थे जिनका कोई बड़ा क्रिमिनल बैंकग्राउंड ना हो और ना ही वो वॉटेंड हो. इसके बाद जीशान पुणे पहुंचा. वहां वो शुभम उर्फ शुबु लोनकार से मिला, जो कि पहले से ही लॉरेंस गैंग के लिए काम करता रहा है. पुणे में उसकी अपनी डेरी और तबेला है. उसके बराबर में एक कबाड़ का गोदाम है. उसी गोदाम में यूपी के बहराइच से आए धर्मराज कश्यप और शिवकुमार काम करते थे. 

शूटर्स के लिए किराए का फ्लैट 
शुभम ने ही इन दोनों को पैसे का लालच देकर इस काम के लिए तैयार कर लिया था. अब हैंडलर जीशान के पास तीन शूटर थे. गुरमैल, धर्मराज और शिवकुमार. जीशान ने ही मुंबई में इन तीनों के ठहरने का इंतजाम करवाया. मुंबई के कुर्ला इलाके में 14 हजार रुपए में किराए का एक फ्लैट लिया. इसमें ये तीनों रहा करते थे. ये फ्लैट 2 सितंबर को किराए पर लिया गया था. मुंबई आने के बाद अब तीनों का एक ही काम था. वो बांद्रा ईस्ट में बाबा सिद्दीकी की रेकी करना और ये पता लगाना कि वो कब-कब और कहां-कहां जाते हैं. किनसे मिलते हैं. कब घर पर होते हैं. कब बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर जाते हैं. कुर्ला से ये तीनों हमेशा ऑटो से बांद्रा आए करते थे. फिर दिन भर बाबा सिद्दीकी की हर मूवमेंट की टोह लेते थे.

मुंबई पुलिस को खटक रही हैं दो बातें
हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद दो चीजे ऐसी हैं जो अब भी मुंबई पुलिस को खटक रही हैं. पकड़े गए दो आरोपियों के पुराने तार बेशक लॉरेंस गैंग से जुड़ रहे हों. लेकिन खुद लॉरेंस गैंग बाबा सिद्दीकी के कत्ल में शामिल है ऐसा कोई सबूत अब भी मुंबई पुलिस के हाथ नहीं लगा है. एक जीशान और दूसरे शुभम लोनकर का पहले बेशक लॉरेंस गैंग से संपर्क रहा है लेकिन जिन तीन शूटरों ने इस काम को अंजाम दिया. उनका लॉरेंस से कोई रिश्ता अब तक साबित नहीं हो पाया है. जिस पोस्ट को लेकर ये दावा किया गया कि बाबा सिद्दीकी के कत्ल की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है, उस पोस्ट को लेकर भी अबतक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. 

सोशल मीडिया पोस्ट पर भी सवाल
असल में संडे की सुबह इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर डालने के फौरन बाद उसे डिलीट कर दिया गया था. बाद में ये जो पोस्ट सर्कुलेट हुआ ये उसका स्क्रीनशॉट है. इस पोस्ट को लेकर मुंबई पुलिस को शक इसलिए भी है क्योंकि इससे पहले लॉरेंस गैंग की तरफ से जब भी कोई पोस्ट डाला गया वो या तो उसके खास रोहित गोदारा या फिर अनमोल बिश्नोई की तरफ से ही डाला गया. लेकिन इस पोस्ट में ऐसा कुछ नहीं था. मुंबई पुलिस का मानना है कि एक संभावना ये भी है कि पोस्ट डालने के बाद लॉरेंस गैंग ने ही पोस्ट डिलीट करवा दिया हो. क्योंकि इस पोस्ट में जिस तरह जिम्मेदारी ली गई. उससे लॉरेंस के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हो जाता. पर पोस्ट के बाहर बाबा सिद्दीकी का कत्ल लॉरेंस क्यों करेगा? इसका जवाब अबतक मुंबई पुलिस ढूंढ नहीं पाई है.

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