रायपुर में पकड़े गए 40 संदिग्ध बांग्लादेशी परिवार, फर्जी दस्तावेज के दम पर बनाए आधार-पेन कार्ड

रायपुर: राजधानी सहित प्रदेश में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं। इन संदिग्धों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार, पैन कार्ड, राशनकार्ड यहां तक कि पासपोर्ट तक बनवा लिए हैं, जिससे उनकी पहचान कर पाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। राजधानी रायपुर में अब तक 40 संदिग्ध बांग्लादेशी परिवारों की पहचान की गई है, जो विभिन्न थाना क्षेत्रों में रह रहे हैं।

जांच में सामने आया है कि अधिकांश बांग्लादेशियों का कनेक्शन पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के मुंबई और नागपुर से है। ऐसे में पुलिस नागपुर संपर्क रखने वालों पर विशेष निगरानी रख रही है। पकड़े गए लोगों के मोबाइल की जांच में सामने आया कि वे वाट्सएप, फेसबुक कॉलिंग जैसी इंटरनेट सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कॉल ट्रेस करना मुश्किल हो रहा है।
फर्जी तरीके से बनवाए आधार कार्ड

अब तक पकड़े गए बांग्लादेशियों के आधार कार्ड पश्चिम बंगाल के निकले हैं। फर्जी दस्तावेज के आधार पर पहले वे पश्चिम बंगाल में पहचान बनाते हैं, फिर देश के अन्य राज्यों में जाकर खुद को स्थानीय नागरिक दिखाते हैं। कई ने आधार को अपडेट कराकर छत्तीसगढ़ निवासी बनवा लिया है।अधिकतर संदिग्ध टिकरापारा थाना क्षेत्र के धरमनगर, संजय नगर, गोकुल नगर और बोरियाखुर्द में रह रहे हैं। बिरगांव के गाजीनगर में भी उनकी मौजूदगी की आशंका है। लंबे समय से रह रहे लोग अब स्थानीय भाषा भी बोलने लगे हैं। हाल ही में टिकरापारा से पकड़े गए 13 बांग्लादेशियों में एक नाबालिग छत्तीसगढ़ी में बात करता पाया गया।
टोल फ्री नंबर पर दें सूचना

पुलिस और एसटीएफ ने अभियान शुरू कर दिया है। आम लोगों से सहयोग के लिए टोल फ्री नंबर 18002331905 जारी किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति संदिग्ध भाषा, रहन-सहन या गतिविधियों के आधार पर जानकारी दे सकता है।

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