केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश कर दिया। सदन में चर्चा के दौरान रिजिजू ने दावा किया कि इस बिल के जरिए किसी भी धार्मिक बॉडी की स्वतंत्रता में कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया गया है और न ही कोई संविधान का उल्लंघन हो रहा है। इस नए बिल में हक छीनने की बात तो छोड़ दीजिए, बल्कि जिनको हक नहीं मिला है, उनको यह बिल हक दिलाता है। मुस्लिमों की महिलाओं, बच्चों और पिछड़ों को जगह देने के लिए सरकार वक्फ बिल लेकर आई है। उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्ष से अपील की कि वे बिल का समर्थन करें, इससे उन्हें करोड़ों लोगों की दुआ मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ”यह अमेंडमेंट (वक्फ संशोधन बिल) सरकार सदन में ला रही है। आपने जो चाहा, वह नहीं कर सके, इसलिए सरकार अमेंडमेंट लेकर आ रही है। इस बिल का समर्थन कीजिए, करोड़ों लोगों की दुआ मिलेगी। चंद लोगों ने पूरे वक्फ बोर्ड पर कब्जा करके रखा है। मुस्लिम लोगों को जो इंसाफ नहीं मिला है, उसे सही करने के लिए यह बिल लाया गया है। इतिहास में दर्ज होगा कि इस बिल पर किसने समर्थन किया और किसने विरोध किया। इसीलिए बिल का विरोध करने से पहले सोचिएगा करोड़ों गरीब मुस्लिमों के बारे में।” किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि हमसे पहले कांग्रेस के जमाने में भी कई कमेटियों में इसका विवरण किया गया है। 1976 में वक्फ रिपोर्ट पेश की गई थी, उसमें भी कई सुधारों की बात कही गई थी।
बता दें कि विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पेश करने की अनुमति मांगी जिसके बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बिल संविधान पर हमला है। उन्होंने सवाल किया, ”उच्चतम न्यायालय के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया। क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है। फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?” वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा, ”अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे।”