PAK, बांग्लादेश समेत ये 10 देश उड़ाएंगे 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर… जानिए क्या करेगा

Türkiye पहला पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट बना रखा है. इसे पाकिस्तान खरीदना चाहता है. इस फाइटर जेट का नाम है KAAN स्टेल्थ फाइटर जेट. अब तुर्की को उम्मीद है कि पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश की वायुसेना, रॉयल सऊदी एयरफोर्स, कतर, मिस्र, सोमाली, इंडोनेशिया, अजरबैजान और नाइजीरिया भी उसका यह फाइटर जेट खरीद सकते हैं. 

इनमें से कुछ देश तो भारत के नजदीक है. जिससे भारत को आसमानी खतरा पैदा हो सकता है. तुर्की को उम्मीद है कि ये सभी देश अगले दस साल में उससे यह फाइटर जेट खरीद लेंगे. यानी 2034 तक. लेकिन क्या ये संभव है. क्योंकि पांचवीं पीढ़ी के सामान्य फाइटर जेट का मेंटनेंस बहुत महंगा है. ये तो स्टेल्थ फाइटर जेट है. 

ऐसे में सोमाली, नाइजीरिया, बांग्लादेश जैसे देश का इस फाइटर जेट को खरीद पाएंगे. क्या मेंटेन कर पाएंगे. ये सवाल उठता है. अमेरिका को उनकी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट को संभालने में हर साल 2 लाख करोड़ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.  

पहले जानते हैं तुर्की के KAAN की ताकत…

कान एक मल्टीरोल स्टेल्थ एयर सुपीरियरिटी फाइटर जेट है. इसे एक या दो फाइटर पायलट मिलकर उड़ाएंगे. यह 68.11 फीट लंबा और 19.8 फीट ऊंचा है. इसका विंगस्पैन 45.11 फीट है. इसका अधिकतम टेकऑफ वजन 27,125 kg है. इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के दो इंजन लगे हैं. 

यह अधिकतम 2222 km/hr की गति से उड़ा सकता है. यह अधिकतम 55 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लग सकती हैं. हवा से सतह पर मार करने वाली 8 तरह की मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. इसमें 13 तरह के बम लगाए जा सकते हैं. या तो इन हथियारों को अलग-अलग लगाया जाए. या फिर इनका मिश्रण लगाया जाए. 

कुल मिलाकर यह है कि अगर यह विमान दुश्मन टारगेट पर हमला करेगा, तो बर्बादी बहुत ज्यादा होगी. इसका कॉकपिट ह्यूमन-मशीन इंटरफेस से लैस है. इसके अलावा इसमें AESA राडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, एडवांस नेविगेशन फीचर्स, IEOS, IRST, EOTS जैसे खतरनाक राडार लगे हैं. 

केंद्र सरकार ने स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर जेट को मंजूरी दे दी है. 5वीं पीढ़ी का यह विमान एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के तहत बनेगा. इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपए एप्रूव किए गए हैं. इसका पहला प्रोटोटाइप साल 2026 तक सामने आ जाएगा. इसमें जनरल इलेक्ट्रिक 414 (GE-414) के दो इंजन लगे होंगे. 

AMCA आने से चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों की श्रेणी में भारत भी शामिल हो जाएगा. AMCA अमेरिकी F-35 और रूस के Su-57 को कड़ी टक्कर देगा. तुर्की का KAAN स्टेल्थ फाइटर जेट इसके सामने टिक भी नहीं पाएगा. क्योंकि ये स्पीड में उससे कहीं बेहतर है. AMCA अमेरिका के सबसे खतरनाक फाइटर जेट F-35 को स्पीड में पिछाड़ देगा. 

स्पीड ऐसी की अमेरिकी फाइटर भी फेल, तुर्की तो कुछ भी नहीं

AMCA की अधिकतम गति 2633 km/hr होगी. F-35 की अधिकतम गति 2000 km/hr ही है. एएमसीए रेंज में भी अमेरिकी F-35 से ज्यादा होगी. भारतीय लड़ाकू विमान की रेंज 3240 KM होगी, जबकि अमेरिकी फाइटर की है 2800 किमी है. कान की फिलहाल बताई नहीं गई है. 

कॉम्बैट रेंज 1620 KM होगी, जबकि F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 km है. भारतीय लड़ाकू विमान 57.9 फीट लंबा होगा, जबकि एफ-35 छोटा है. यह सिर्फ 51.4 फीट लंबा है. एएमसीए का विंगस्पैन 36.6 फीट का होगा, जबकि एफ-35 का 35 फिट ही है. 

ऊंचाई और हथियारों का जखीरा… दिखाएगा दुश्मन को मौत

भारतीय फाइटर जेट अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जाएगा. एएमसीए में 14 हार्डप्वाइंट्स होंगे. इसमें 23 मिलीमीटर की GSh-23 कैनन लगी होगी. इसके अलावा S8 रॉकेट पॉड्स, अस्त्र मार्क-1, 2, 3, हवा से हवा में मार करने वाली NG-CCM मिसाइल, ब्रह्मोस एनजी (BrahMos-NG), संत और हवा से जमीन पर मार करने वाली रुद्रम मिसाइल लगाई जाएंगी. 

F-35 फाइटर जेट में एक 25 मिलीमीटर का कैनन है. चार हार्डप्वाइट्ंस हैं. छह एक्सटर्नल हार्ड प्वाइंट्स हैं. यह AIM 120, 9X, 132 और हवा से हवा में मार करने वाली MBDA मीटियोर मिसाइल से लैस है. इसके अलावा इस पर हवा से सतह पर मार करने वाली AGM 88G, AGM 158, Spear 3 हवा से सतह और हवा से शिप पर मार करने वाली मिसाइलें तैनात हो सकती है. 

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