महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बारामती असेंबली सीट से एनसीपी चीफ अजित पवार मैदान में हैं. उनका मुकाबला एनसीपी (शरद पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार से होगा. युगेंद्र रिश्ते में शरद पवार के पोते और अजित के भतीजे लगते हैं. सोमवार को अजित पवार ने बारामती सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. नॉमिनेशन से पहले उन्होंने रोड शो किया जिसमें उनके बेटे पार्थ पवार भी उनके साथ मौजूद थे. पार्थ इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.
आजतक से बात करते हुए पार्थ ने कहा, ‘दादा का वादा डेवलेपमेंट का है. दादा ने जो वादा किया है उसे 100 प्रतिशत पूरा किया है. जब वो शब्द देते हैं तो उसे 100 प्रतिशत पूरा करते हैं.’ उनसे पूछा गया कि इस बार अमित ठाकरे, युगेंद्र पवार और आदित्य पवार चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन आप नहीं लड़ रहे.
पार्थ पवार ने जवाब दिया, ‘मैं पिछले चुनाव में खड़ा था. इस बार हमें पार्टी बढ़ानी है. लोगों को अवसर देने हैं इसलिए मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है. नए लोगों को टिकट देना हमारा मकसद है. अभी मैं पूरी तरह से संगठन में सक्रिय हूं.’
लोकसभा चुनाव में एनसीपी की हार के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘वो सब लास्ट मिनट डिसीजन थे. मावल और बारामती लोकसभा चुनाव में हमें ऐन वक्त पर उतरना पड़ा. पिछली बार लोगों ने उन्हें (एनसीपी शरद पवार गुट) डेवलपमेंट के बजाय भावनाओं के आधार पर वोट दिया लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा.’
पार्थ ने कहा, ‘इस बार लोग प्रैक्टिकल हुए हैं. लोकसभा में पवार साहब को वोट दिया लेकिन विधानसभा में दादा को देंगे. लोकसभा चुनाव के समय 6-6 पवार उनके साथ थे और हमारे साथ सिर्फ नॉन-पवार कार्यकर्ता थे. उसका भी असर हमारे खिलाफ पड़ा. लेकिन इस बार ऐसा बिल्कुल नहीं दिखेगा.’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘रिश्तों की कड़वाहट सिर्फ राजनीति के लिए है. शादी, बर्थडे पर हम सब एक परिवार की तरह मिलते हैं. लेकिन इस बार हम दिवाली बारामती के लोगों के साथ मनाएंगे.’ पार्थ ने कहा, ‘हमारे विरोधियों ने गलत तरह से प्रचार किया. उनके प्रचार के मुद्दे क्या थे कि पवार साहब का आखिरी चुनाव है. मैं तो पॉजिटिव बोल रहा हूं. पवार साहब भविष्य में और 3-4 चुनाव में रहें. हमने कभी नेगेटिव नहीं बोला. उन्होंने सहानुभूति पर वोट लिए. हमने कभी सहानुभूति का प्रचार नहीं किया, हमेशा डेवलेपमेंट का प्रचार किया.’