नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी ने ऊर्जा के क्षेत्र में एक तरफ जहां आम उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए अभियान चला रखा है वहीं बिजली लॉसेस पर भी कड़ी नजर रख रहा है। ऐसा इसलिए कि बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं के उपभोग के लिए 1252.35 मिलियन यूनिट ऊर्जा लिया है और बिलिंग सिर्फ 949.35 मिलियन यूनिट का हुआ है। शेष 304.0 मिलियन यूनिट का हिसाब अभी नहीं मिला है।
यह चौंकाने वाला आंकड़ा चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर माह तक का है। कहा जा रहा है कि अभी बहुत ज्यादा बकाया एरियर के रूप में चल रहा है। विभाग को शक है कि कहीं ना कहीं ऊर्जा की भी चोरी हो रही है। इसके अलावा 10 से 15 फीसदी रेजिस्टेंस लॉसेस माना जाता है जो अंडरस्टूड है। इसके अलावा एग्रीकल्चर सेक्टर के उपभोक्ता को तीन माह बाद बिजली बिल भेजा जाता है। इस कारण भी लॉस दिख रहा है।
खपत के हिसाब से ऊर्जा का बिल नहीं मिलने को लेकर शेष यूनिट की खपत पर विभाग छानबीन कर रहा है। विभाग यह पता लग रहा है कि कहां से बिल नहीं आया। ऊर्जा की चोरी कहां हुई? इसके लिए सर्किल वाइज एक्सरसाइज चल रहा है। बिजली बिल की शत प्रतिशत प्राप्ति के लिए पूरी ताकत लगा दी गई है।
बकाया वसूली का अभियान नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी ने बकाया बिल वसूली के लिए अभियान चला रखा है। एसएमएस के माध्यम से और रेवेन्यू फ्रेंचाइजी के माध्यम से भी उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अधिक से अधिक वसूली के लिए सभी सर्कल के अधिकारियों को लक्ष्य दिया है। बड़े बकायेदारों की बिजली काटी जा रही है और सूची भी बनाई गई है। समय पर बिल जमा नहीं करने वालों की बिजली काटने की प्रक्रिया जारी है।
653 लोगों पर प्राथमिकी
बिजली विभाग ने गड़बड़ियों को लेकर अभियान के तहत पूर्णिया एवं कटिहार जिले के 653 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जानकारी के अनुसार पिछले 6 महीने के दौरान पूर्णिया पश्चिम क्षेत्र में 207 उपभोक्ताओं के विरुद्ध प्राथमिक की कार्रवाई की गई है जबकि पूर्णिया पूर्वी क्षेत्र में 222 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। दूसरी ओर कटिहार विद्युत सबडिवीजन में 139 उपभोक्ताओं और बारसोई सब डिवीजन में 85 उपभोक्ताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। अधिकांश लोग विद्युत चोरी के मामले में आरोपित हैं।
प्रीपेड मीटर से होगी सुविधा
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके लगने के साथ ही विद्युत का बकाया का झमेला समाप्त हो जाएगा। बिजली विभाग को भी सहूलियत होगी और उपभोक्ताओं को भी अनावश्यक झमेले में पड़ना नहीं पड़ेगा।