लेबनान में इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच भीषण हमला लगातार जारी है. यहां बीते 48 घंटों के दौरान 120 लोगों की मौत हो गई. लेबनान के नागरिक सुरक्षा संगठन ने मौत के इन आंकड़ों की पुष्टि की है. उसके मुताबिक, लेबनान की राजधानी बेरूत के बस्ता इलाके में इजराइल ने शनिवार सुबह जबरदस्त हमला किया, जिसमें 11 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हो गए.
इजरायल ने बेरूत के दक्षिणी उपनगर हदात और चौइफात में भी भीषण हवाई हमला किया है. वहीं, टायर शहर के समुद्र तट पर इजरायल के ड्रोन हमले में दो मछुआरे मारे गए हैं. इजरायल ने बेरूत पर पिछले एक हफ्ते के दौरान कम से कम चार बड़े हमले किए हैं. ये हमले ऐसे समय में किए गए हैं, जब अमेरिकी दूत अमोस होचस्टीन इस वक्त युद्धविराम के लिए क्षेत्र के दौरे पर हैं.
इजरायल गाजा और लेबनान दोनों ही मोर्चों पर मजबूती से डटा हुआ है. दोनों ही जगहों पर जबरदस्त जंग देखने को मिल रही है. पिछले हफ्ते इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने रक्षा मंत्री इज़राइल कॉट्स के साथ गाजा दौरे पर थे. दोनों वहां एक अज्ञात स्थान पर पहुंचे थे. वहां पर उन्होंने बंधकों की रिहाई के लिए फिलिस्तीनियों को इनाम देने का ऐलान भी किया था.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हर एक बंधक के लिए 50 लाख डॉलर (करीब 38 करोड़ रुपए) का इनाम देने का वादा किया था. उन्होंने कहा था, ”मैं उन लोगों से भी कहता हूं जो इस चक्रव्यूह से बाहर निकलना चाहते हैं, जो कोई भी हमें बंधक लाएगा, उसके परिवार को बाहर निकलने का सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा. हम प्रत्येक बंधक के लिए 5 मिलियन डॉलर इनाम देंगे. आप चुनें, चुनाव आपका है.”
इजरायली हमले में गाजा पूरा तबाह हो चुका है. करीब 44 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. ये आंकड़े हर दिन के साथ बढ़ते ही जा रहे हैं. इस नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी तमाम कोशिशें अभी तक नाकाम ही साबित हुई हैं. दूसरी तरफ इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच भी जंग जारी है. इस जंग में अबतक 3400 लोग मारे जा चुके हैं.
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोगों को मार डाला था, जबकि 250 लोगों को बंधक बना लिया था. इनमें से कुछ को तो दो अल्प युद्धविराम के तहत सशर्त आज़ाद करा लिया गया, लेकिन कई हमले में मारे गए है. अब भी करीब 100 बंधक हमास की कैद में हैं. उन्हें रिहा कराने के लिए लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. कई बार युद्धविराम की नाकाम कोशिश हो चुकी है.