स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प डाँ. नर्स उतरे सड़क पर

कांकेर । 17 अगस्त शनिवार को छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी कर्मचारी कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर के अत्यंत घिनौने अपराध के विरोध में प्रदेश भर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी डॉक्टर मेडिकल छात्र नर्सेस एवम अन्य स्टाफ भी सामूहिक अवकाश पर चले गए सब हेल्थसेंटर,पीएचसी,सीएचसी और जिला अस्पताल मेडिकल कालेजों सहित सभी शासकीय गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं की ओ पी डी सेवाएं बंद कर दी गई है वहां कार्यरत डॉक्टर्स ,नर्सेस एवं अन्य हॉस्पिटल स्टॉफ भी 17 अगस्त को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर आई एम सी के आह्वान पर महाबंद में सम्मिलित होकर अस्पतालों में प्रदर्शन कर रहें हैं ।प्रमुख मांगो में कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना एवम उसके बाद हुई मॉब वायलेंस में शामिल असामजिक तत्वों पर सख्त से सख्त कार्यवाही। अस्पताल प्रशासन कीओर से सख्त कार्यवाही के लिए पहल हो।दोषियों के खिलाफ कठोर कानून बने सभी मेडिकल प्रोफेशनल्स विशेषकर महिला स्वास्थ्यकर्मियों  की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाये जाएं और संस्था प्रमुख,अस्पताल प्रशासन और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी तय हो संस्था प्रमुख द्वारा हिंसा के खिलाफ त्वरित एफ आई आर हो, संस्थाओं में सेफ्टी और सिक्योरिटी होनी चाहिए।मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान हो छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन ने इन मुद्दों को लेकर पिछले साल आंदोलन भी किया था लेकिन कोई भी पहल शासन प्रशासन द्वारा होती हुई नहीं दिखाई दे रही है हड़तालियों का कहना है कि आज सिर्फ ओपीडी सेवाएं बंद हुई हैं अगर हमारी मांगे नहीं सुनी गई तो आपातकालीन सेवाओं पर भी इसका असर पड़ सकता है । इस दौरान जूनियर रेजिडेंट एसोसिएशन कांकेर प्रेसिडेंट डॉ. जैनेंद्र कुमार शांडिल्य , डॉ योगिता जैन , डॉ. संजीव कुमार , डॉ. अखिलेश , डॉ. घनश्याम सुमन शर्मा प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश नर्सेस एसोसिएशन छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशनसीनियर डॉक्टर विमल भगत , डॉं. लोकेश देव , डॉ. के के शोरी , डॉ. अरविंद कोर्राम , डॉ. हेमंत नाग , डॉ. उसेंडी आदि उपस्थित थे।.ब्यूरो रिपोर्ट कांकेर दिपेश कुरैटी

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