मेहुल चोकसी की कानूनी टीम ने इंटरपोल के सामने तर्क दिया था कि रेड नोटिस का इस्तेमाल न्याय के लिए नहीं बल्कि उत्पीड़न के साधन के रूप में किया जा रहा है.
इंटरपोल ने इस दलील को स्वीकार कर लिया था और रेड कॉर्नर नोटिस को वापस ले लिया था.
बेल्जियम में मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी, भारत को ₹6,000 करोड़ के पीएनबी धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी को वापस लाने के करीब ले आई है।
इस घटना ने 2022 में इंटरपोल द्वारा चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस वापस लेने के विवादास्पद फैसले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जिसके कारण वह लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचा रहा था।
इंटरपोल ने मेहुल चोकसी का रेड नोटिस क्यों हटाया?
2022 में इंटरपोल ने चोकसी की उस अपील को स्वीकार कर लिया था. जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटाने की मांग की थी. इस में कहा गया था कि कथित तौर पर चोकसी के मानवाधिकार का उल्ंलघन हो सकता है और ये गिरफ्तारी राजनीतिक उत्पीड़न की वजह बन सकती है.