पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दल गुणा गणित बैठाना शुरू कर चुके हैं। पिछले दिनों दिल्ली में कांग्रेस और राजद के शीर्ष नेताओं के बीच एक बैठक हुई थी। इसमें एक सीट शेयरिंग व चुनावी समांजस्य के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया था। इस कमेटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव हैं। अब महागठबंधन की अगली बैठक 24 अप्रैल यानी गुरुवार को प्रस्तावित है। इस बैठक में सीटों का ऐलान किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
24 अप्रैल को प्रस्तावित इस अहम बैठक से पहले बुधवार यानी आज एक राउंड टेबल मीटिंग पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर होगी। मीटिंग में महागठबंधन के सभी घटक दल मौजूद रहेंगे। इस दौरान सीट शेयरिंग का फार्मूला तय किया जाएगा और अगली बैठक में घटक दलों के साथ सीटों का ऐलान किया जाएगा।
महागठबंधन के सियासी जानकारों के अनुसार यह बैठक अनौपचारिक होगी। इसमें मुख्य रूप से समन्वय समिति के अध्यक्ष बनाये गये तेजस्वी यादव रहेंगे। सीट शेयरिंग का आधार 2020 का विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट को आधार बनाया जायेगा, इस पर चर्चा की जायेगी।
बता दें कि इस महागठबंधन में 2 और दल शामिल हो गए हैं। वीआईपी और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी दोनों NDA से नाराज हैं। मुकेश सहनी लगातार बिहार सरकार पर हमलावर हैं। इससे पहले हुई दिल्ली में महागठबंधन की बैठक में भी शामिल हुए थे। इसलिए कांग्रेस और राजद को कम सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ेगा। वहीं लेफ्ट भी सीटें बढ़ाने की मांग कर रहा है।
2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 73 सीटों पर चुनाव लड़ा था। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इसमें से कई ऐसी सीटें थी जिनपर राजद ने भी कभी जीत दर्ज नहीं की थी। इसका निष्कर्ष ये निकाला गया कि राष्ट्रीय पार्टी की साख बचाते हुए महागठबंधन में कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ा दी गई थी, लेकिन इस बार कांग्रेस अलग मूड में है। बिहार में संगठनात्मक बदलाव फायर ब्रांड नेताओं के साथ कांग्रेस जमीन पर संघर्ष कर रही है। ऐसे में इस बार का शीट शेयरिंग का फॉर्मूला सेट करना महागठबंधन के लिए आसान नहीं होगा।