डॉक्टर बेटियों ने पूरी की ब्रेन डेड पिता की इच्छा, ऑर्गन डोनेशन से तीन लोगों को दी नई जिंदगी

अहमदाबाद के मणिनगर में रहने वाले 62 वर्षीय भगवान भाई वाला ब्रेन हेमरेज का शिकार हुए थे. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया था. जिसके बाद उनकी इच्छा के मुताबिक उनकी दोनों डॉक्टर बेटियों ने मिलकर पिता का अंगदान करने का निर्णय लेकर तीन लोगों को नवजीवन दिया है. 

62 वर्षीय भगवान भाई वाला कपड़ा के व्यापारी थे. अपनी दुकान में 21 अगस्त के रोज जब वह काम कर रहे थे तब अचानक उनका पैर फिसल जाने की वजह से उनके सिर में गंभीर चोट पहुंची थी. इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया था. एमआरआई रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टरों ने तुरंत ब्रेन की सर्जरी की थी लेकिन ब्रेन में खून काफी फैलने की वजह से उनको बचा पाना मुश्किल था. 

डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद भगवान भाई वाला का दोबारा सिटी स्कैन और ऐप्निया टेस्ट किया और अंत में उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया. जिसके बाद भगवान भाई की नेफ्रोलॉजिस्ट बेटी डॉक्टर किन्नरी वाला और ओंकोलॉजिस्ट बेटी डॉक्टर एकता चंदाराणा ने अपने पिता द्वारा विश्व किडनी दिवस पर व्यक्त की गई अंगदान की इच्छा के मुताबिक अपने पिता का अंगदान करने का निर्णय लिया. जिसके बाद भगवान भाई की दोनों किडनी और लीवर अंगदान के रूप में प्राप्त हुआ. 

भगवान भाई वाला की नेफ्रोलॉजिस्ट बेटी डॉक्टर किन्नरी वाला ने कहा कि सर्जरी के बाद भी पिता की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ था. जब उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया तो हम दोनों बहनों ने परिवार में बात की और सबको पिता के अंगदान के लिए समझाया कि अंतिम विधि में सारे अंगों का नाश करने से बहेतर होगा कि उनके अंग किसी जरूरतमन्द मरीज के लिए दान किए जाएं. हमारे पिता ने भी पिछले विश्व किडनी दिवस के दिन अपने अंगदान करने की इच्छा जाहिर की थी तो आखिर में हमने उनकी इच्छा पूरी करने का मिलकर फैसला लिया और अस्पताल में अंगदान के लिए उन्हें शिफ्ट किया गया.  

डॉक्टर किन्नरी ने कहा, अंगदान का महत्व मुझे पता है, किसी परिवार के लिए ये आसान फ़ैसला नहीं होता. एक नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर होने के नाते कई ट्रांस्पलांट मैंने खुद किए हैं. मुझे पता है जब किसी जरूरतमंद मरीज को किसी के अंगदान के माध्यम से नवजीवन प्राप्त होता है तो उनके परिवार में कितनी खुशी होती है. मेरे पिता ने जीवनभर लोगों की मदद की थी और अंत में भी वो तीन लोगों को नवजीवन दे गए.  

  

अहमदाबाद के सिविल कैंपस में स्थित अस्पताल की तरफ से कहा गया कि, भगवान भाई वाला के अंगदान से दो किडनी और लीवर प्राप्त हुआ है. जिनमें से एक किडनी 40 वर्षीय युवक में, दूसरी किडनी 46 वर्षीय महिला में और लीवर 43 वर्षीय युवक में ट्रांस्पलांट किया गया है.

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