उप्र विधानसभा उपचुनाव में ये है सबसे अहम सीट, सपा और भाजपा के बीच दिख रही कांटे की टक्कर,

उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में जो सीटें नजर आ रही हैं वे हैं अयोध्या जिले की मिल्कीपुर और अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट. वास्तव में इन दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की “मैं” की लड़ाई है. एक तरफ समाजवादी पार्टी ने जहां पूरी ताकत झोंकी हुई है.

वहीं दूसरी तरफ इन दोनों सीटों की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभाल रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दोनों सीटों पर न सिर्फ नजदीक से नजर बनाए हुए हैं, बल्कि यहां का दौरा भी कर चुके हैं. समाजवादी पार्टी इस बात को चाहती है कि उपचुनाव में भी यह दोनों सीटें उसके पास बनी रहें.
फैजाबाद लोकसभा सीट हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि इस उपचुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा जीत कर अपने दर्द पर कुछ न कुछ मरहम लगा ले. शायद यही बड़ी वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के संगठन और बड़े नेता लगातार मिल्कीपुर पर न सिर्फ नजर बनाए हुए हैं, बल्कि पूरे शबाब के साथ इस सीट को जीतने का जुगाड़ लगा रहे हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि समाजवादी पार्टी अगर इन दोनों सीटों को हार जाती है तो उससे भारतीय जनता पार्टी का उत्साह काफी बढ़ेगा. वैसे जाति समीकरण को जब हम देखते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के लिए मिल्कीपुर और कटेहरी की राह आसान नहीं दिखती है
मिल्कीपुर और कटेहरी की महत्ता को समझते हुए समाजवादी पार्टी आज तीसरी बार समीक्षा बैठक कर रही है. समीक्षा बैठक में 500 से ज्यादा पदाधिकारियों को बुलाया गया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से सीधे बात कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी नहीं चाहती है कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह का जन समर्थन उनको मिला है, विधानसभा उपचुनाव में उसका कोई नुकसान उठाना पड़े. इस बात को समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी बखूबी समझते हैं कि इस उप चुनाव से सरकार के बनने और बिगड़ने पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन 2027 के चुनावी आईने पर से पर्दा जरूर उठेगा

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