कापसी वन परिक्षेत्र में जोरों पर तेंदूपत्ता संग्रहण, ग्रामीणों में शासन की योजनाओं को लेकर उत्साह

daily 24 writer rikesh sarkar

वनों पर आधारित आजीविका से जुड़ी ग्रामीण आबादी के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण किसी महोत्सव से कम नहीं होता। कापसी वन परिक्षेत्र के ग्रामीण हर वर्ष इस सीजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस वर्ष भी पश्चिम भानुप्रतापपुर वन मंडल के अंतर्गत कापसी परिक्षेत्र में 8 मई से तेंदूपत्ता (जिसे हरा सोना भी कहा जाता है) का संग्रहण प्रारंभ हो चुका है। संग्राहकों में विशेष उत्साह और ऊर्जा देखने को मिल रही है।

इस वर्ष वन मंडल पश्चिम भानुप्रतापपुर की जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित द्वारा 37000 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रबंध संचालक (DFO) हेमचंद पहारे और अनुविभागीय वन अधिकारी (SDO) एच. एस. उईके द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

वन परिक्षेत्र कापसी अंतर्गत कुल 20 प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से इस बार शासकीय संग्रहण किया जा रहा है। संग्राहकों को प्रति सैकड़ा गड्डी 550 रुपये की दर से भुगतान किया जा रहा है, वहीं प्रति मानक बोरा 5500 रुपये निर्धारित किए गए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में 1500 रुपये अधिक है। इससे संग्राहकों की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।

गुणवत्ता पर विशेष ध्यान

वन परिक्षेत्र अधिकारी देवदत्त तारम ने संग्राहकों से अपील की है कि वे केवल अच्छी गुणवत्ता के तेंदूपत्तों का ही संग्रहण करें। इससे न केवल उन्हें बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी सुलभ होगा।

इन योजनाओं में आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य सेवाएं, बीमा सुरक्षा और अन्य कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य संग्राहकों की समग्र आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुदृढ़ करना है।

जागरूकता अभियान से ग्रामीणों में बढ़ी जागरूकता

संग्रहण प्रारंभ होने से पूर्व वन विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें तेंदूपत्ता संग्राहकों को शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओं और उनके लाभों की जानकारी दी गई। इस पहल से ग्रामीणों में न केवल जागरूकता बढ़ी है, बल्कि वे अब इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए उत्साहित भी हैं।

वन विभाग की अहम भूमिका

तेंदूपत्ता संग्रहण प्रक्रिया को सुचारु और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने में वन विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विभाग न केवल लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में कार्य कर रहा है, बल्कि संग्राहकों और शासन के बीच सेतु बनकर उन्हें लाभ दिलाने में भी सक्रिय है।

इस प्रकार तेंदूपत्ता संग्रहण के इस सीजन में जहां ग्रामीणों को रोजगार और आय का सशक्त माध्यम मिल रहा है, वहीं शासन की योजनाएं भी धरातल पर उतरती दिख रही हैं। यह पहल वन विभाग और ग्रामीण समाज के बीच विश्वास और सहभागिता को और मजबूत कर रही है।

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