‘मुझे उम्मीद है कि दिल्ली वाले उन्हें समझाएंगे’, बांग्लादेश को लेकर सीएम योगी के बयान पर बोले अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बांग्लादेश को लेकर दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश ने कहा कि ये काम प्रधानमंत्री जी का है, भारत सरकार का है कि किस देश के साथ कैसा संबंध रखना है. यह पहली बार नहीं जब मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं, वो पहले भी कह चुके हैं. 

सपा मुखिया ने कहा, “वो प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. कम से कम प्रधानमंत्री का रोल उन्हें नहीं प्ले करना चाहिए. ये काम प्रधानमंत्री जी का है, भारत सरकार का है कि दुनिया में किस देश के साथ कैसा संबंध रखना है. यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं, पहले भी कह चुके हैं. मुझे उम्मीद है कि दिल्ली वाले उन्हें समझाएंगे कि दिल्ली वाले फैसलों पर वह हस्तक्षेप न करें.” 

आगरा में वीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए सीएम योगी ने कहा था कि यहां बांग्लादेश वाली गलतियां नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है. राष्ट्र तब सशक्त रहेगा, जब हम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और बंटेंगे तो कटेंगे. 

इस दौरान सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के पांच संकल्प भी दोहराए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गुलामी के प्रतीकों को समाप्त करेंगे. अपने वीरों और सैनिकों का सम्मान करेंगे. एकता और एकात्मता के लिए कार्य करेंगे. किसी को भी समाज में विद्वेष फैलाने की छूट नहीं देंगे. जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर तमाम अन्य वादों के आधार पर बांटने वालों से सावधान करेंगे. अपने नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करेंगे.  

उन्होंने कहा, “राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर का यही तो संकल्प था. यही कारण है कि उस समय की सबसे बड़ी ताकत से टकराने का एक सबसे बड़ा जज्बा उनके मन में था. बहुत सारे लोग थे, जिन्होंने इन अंग्रेजों और मुगलों के सामने समर्पण कर दिया था. जमींदारी लेने के लिए. कोई पद प्राप्त करने के लिए. याद रखना, उनका नाम इतिहास में ऐसे गुम हो गया, उन्हें कोई पूछता ही नहीं, नाम अगर ले रहे हैं तो वीर दुर्गादास राठौर का. आप जाइए राजस्थान, एमपी कितनी श्रद्धा और सम्मान के साथ उनका नाम लिया जाता है.” 

मुख्यमंत्री ने इस दौरान मुगल बादशाह औरंगजेब को दुष्ट बताते हुए कहा कि उसका संबंध भी इसी आगरा से था. उन्होंने कहा, इसी आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की सत्ता को चुनौती दी थी और उससे कहा था कि तुम चूहे की तरह ऐसे तड़पते रह जाओगे, लेकिन हिन्दुस्तान पर तुझे कब्जा तो नहीं करने देंगे. राजस्थान में उस समय इस मोर्चा को संभाल रहे थे जोधपुर के नरेश जसवंत सिंह. महाराजा जसवंत सिंह के महत्वपूर्ण सेनापति थे वो वीर दुर्गादास राठौड़ थे. कई बार प्रयास किया औरंगजेब ने जोधपुर पर कब्जा करने का, लेकिन सफल नहीं हो पाया क्योंकि जहां दुर्गादास जैसे वीर हों, वहां ऐसा कर पाना संभव नहीं है.

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