आने वाले 100 सालों में धरती से गायब हो जाएंगे रेनफॉरेस्ट, भारत में इन जगहों पर प्रकृति को कर लें एक्सप्लोर

आज यानि 22 जून को दुनियाभर में विश्व वर्षावन दिवस मनाया जा रहा है जो वर्षावनों के प्रति जागरूक औऱ उनकी महत्ता को दर्शाता है।हमारी धरती पर जीव- जन्तु और मानव के निवास करने के साथ ही प्रकृति की सुंदरता भी नजर आती है। वर्षावनों को धरती का प्राकृतिक संसाधन कहते है। जिसके बारे में कम लोग ही जानते है। बताया जाता है कि, आने वाले वर्षों में वर्षावन खत्म होने वाले है। यानि 6 मिलियन वर्ग मील वर्षावन दुनियाभर में कभी मौजूद थे, वह अब घट कर 2.4 मिलियन वर्ग मील ही रह गए हैं।

यहां पर वर्षावन के खत्म होने के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार होते है इसमें वनों की कटाई भी इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है। दुनिया में जहां पर वर्षावन की कमी रह गई है वहीं पर भारत में कई जगह ऐसी है जहां पर प्राकृतिक सुंदरता और वर्षावन का नजारा देख सकते है।
वर्षावन का होना क्यों जरूरी

जहां पर दुनिया में वर्षावन विलुप्त होते जा रहे है वहीं पर इन वर्षावन को बचाए रखने के लिए हमें वनों की कटाई करने से बचना चाहिए। वर्षावनों से जुड़े कई तथ्य है जिसके बारे में कम लोग जानते है। चलिए जानते हैं इसके बारे में…

1- वर्षावनों को लेकर बताया जा रहा है कि, धरती पर सबसे ज्यादा पौधे और जानवरों की प्रजातियां जाती है जो दुर्लभ होने के साथ ही कई औषधियों के रूप में फायदेमंद है। यहां पर इन प्राकृतिक औषधियों का काम कई गंभीर बीमारियों के असर को कम करते है। 60% से ज्यादा कैंसर रोधी दवाओं के लिए प्राकृतिक स्त्रोत काम करते है।

2- यहां पर वर्षावन की बात की जाए तो, आने वाले 100 सालों में अब तक मौजूद वर्षावन विलुप्त हो जाएंगे। बताया जाता है कि, 1.6 अरब लोग यानि विश्व की 25% से अधिक आबादी अपने जरूरतों के लिए इन्हीं प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर करती है। यहां पर लोगों से भी कहा जाता है कि, वनों की कटाई को रोककर वृक्षारोपण पर जोर दे दें।

3- दुनिया में सबसे बड़ा वर्षावन अमेजन वर्षावन है जो 5.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर, 1.4 बिलियन एकड़ से अधिक में फैला हुआ है, और इसकी पहुंच नौ दक्षिण अमेरिकी देशों तक है।

4- वर्षावनों में अनोखे जानवरों का बसेरा भी है जिनका वर्षावनों के विलुप्त होने के बाद क्या होगा इसका पता नहीं। यहां पर वर्षावनों में आपको तपीर एक अनोखा जानवर मिल जाएगा जो एंटीटर और सुअर के मध्य की किसी प्रजाति की तरह दिखता है जो दक्षिण अमेरिका और एशिया के वर्षावनों में पाया जाता है। इसके अलावा आपको सिल्वरबैक गोरिल्ला भी देखने के लिए मिल जाएंगे।
भारत में इन जगहों पर ले सकते है आप वर्षावनों का मजा

आपको बताते चलें कि, भारत में भी वर्षावन है जिसकी जानकारी शायद ही कम होगी लेकिन आप इन जगहों पर प्राकृतिक सुंदरता का मजा ले सकते है।

1- आप यहां पर वर्षावन को एक्सप्लोर करने का सोच रहे हैं तो बारिश के मौसम में वेस्टर्न घाट का लुत्फ उठा सकते है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों में आप वर्षावन को देख सकते है यह वर्षावन करीब 4000 प्रजातियां पाई जाती हैं।

2- इसके अलावा वर्षावन असम के उत्तर से नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है। वहीं पर इन्हीं वर्षावनों के कारण इन सभी क्षेत्रों भारी वर्षा होती है जिस वजह से यहां सालभर हरियाली बनी रहती है।

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