जयपुर अपहरण केस: 7 दिन में 5 शहरों से मांगी फिरौती, टॉय ट्रेन की लास्ट बोगी से पैसा फेंकने को कहा, फिल्मी है किडनैपिंग से छुड़ाने तक की कहानी

जयपुर के नाहरगढ़ से एक सप्ताह पहले हुए अनुज अपहरण केस में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के सोलन से किडनैपर्स की कैद से न केवल अनुज को छुड़ा लिया, बल्कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. बीते 18 अगस्त को जब अनुज अपने दोस्त के साथ नाहरगढ़ की पहाड़ी पर घूमने गया था, उसी दौरान किडनैपर्स ने उसको उठा लिया. इस दौरान किडनैपर्स लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहे. उन्होंने 7 दिनों में पांच शहरों से फिरौती मांगी, लेकिन पुलिस फिल्मी स्टाइल में इन किडनैपर्स तक पहुंची और अनुज को आठ दिन बाद उनकी कैद से छुड़ा लिया. 

किडनैपर्स के चंगुल से निकलने के बाद अनुज ने बताया कि बदमाशों ने पहले दिन सही व्यवहार किया और मोबाइल के पासवर्ड ले लिए. उन्होंने कहा कि हमसे किडनैप करवाया गया है. खाना भी समय पर खिलाते रहे. दो दिन बाद जब भागने के लिए बेड के नीचे पड़े सामान में आग लगा दी और बाथरूम में जाकर जोर-जोर से चिल्लाने लगा तो बदमाशों ने पीटा. उसने बताया कि वो दोस्त सोनी सिंह के साथ नाहरगढ़ गया था. बदमाशों ने दोनों को रोका, मारपीट की. बोतल से कुछ पिलाया और बेहोश कर ले गए.  

पुलिस की ओर से बताया गया कि बदमाशों ने दुर्गम पहाड़ियों पर मकान किराए पर ले रखा था. वहां नींद की गोलियां, टेप, रस्सियां, धारदार हथियार, चाकू, पेचकस और वॉकी-टॉकी मिले हैं. कमरे को पर्दे लगाकर पूरी तरह पैक कर रखा था ताकि बाहर की कोई लोकेशन न मिल सके. इससे ऐसा लगा कि आरोपी यहां पहले भी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. गैंग का एक आरोपी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इन आरोपियों को कोर्ट ने मंगलवार को जेल भेज दिया है.  

जयपुर के एडिशनल सीपी और ऑपरेशन चेकमेट के इंचार्ज कैलाश बिश्नोई ने बताया कि 18 अगस्त की रात आठ बजे मुझे छात्र के अपहरण की सूचना मिली. पता चला कि संगरूर में पढ़ने वाला अनुज प्रताप नगर के ऑटो ड्राइवर शिव लहरी का बेटा है. बदमाश दोस्त को पीटकर अनुज को कार से उठा ले गए थे. इसके बाद मैंने डीसीपी राशि डोगरा डूडी के नेतृत्व में 50 पुलिसकर्मी लगाए. उन्होंने रात से लेकर अगले दिन तक ड्रोन और डॉग स्क्वायड से नाहरगढ़ की पहाड़ियों पर सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. 

20 अगस्त की शाम को अनुज के मोबाइल से पिता को 20 लाख की फिरौती का कॉल आया. लोकेशन मथुरा मिली. उसी फोन से दूसरे दिन देहरादून, तीसरे दिन पंचकूला से फोन आए. मुझे लगा कि बदमाश भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. बदमाशों ने फिरौती लेकर चंडीगढ़ बुलाया. पुलिस ने फिरौती की रकम जुटवाई और कॉन्स्टेबल कृष्णपाल को अनुज की मां ममता का धर्मभाई बनाकर चंडीगढ़ भेजा. पैसे लेकर चंडीगढ़ पहुंची मां को बदमाशों ने शहर से 20 किमी दूर काली मंदिर में बैठाए रखा. बदमाशों का रात 12.30 बजे कॉल आया और शिमला के लिए सुबह की टॉय ट्रेन के आखिरी डिब्बे में बैठने को कहा. हमने अगले तीन स्टेशनों पर जवान तैनात किए. ट्रेन के पैरेलल घाटी में तीन गाड़ियां पैट्रोलिंग के लिए लगाई गईं. हम चूकना नहीं चाहते थे. तड़के मां के पास कॉल आया कि धर्मपुर स्टेशन पर बैग फेंकना है. ममता ने चार मिनट तक बदमाशों को फोन पर उलझाए रखा ताकि लोकेशन ट्रेस की जा सके. धर्मपुर स्टेशन पर खड़ी पुलिस ने कान पर फोन लगाए बदमाश को पकड़ लिया और सख्ती से पूछताछ की तो उसने दूसरे बदमाश की ओर इशारा कर दिया. उन्हीं बदमाशों ने बताया कि अनुज सोलन में बंधक है. टीमें वहां पहुंची और अनुज को छुड़ा लिया. 

जयपुर पुलिस ने अनुज को उसके जन्मदिन पर बदमाशों के चंगुल से मुक्त करा लिया. इस अंदाज से बदमाश भी दंग रह गए. पुलिस ने पीड़ित के सुरक्षित बचाव का वीडियो भी बनाया, जिसमें जयपुर पुलिस कह रही है, जोकि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें पुलिसकर्मी सोते हुए अनुज से कह रहे हैं,  “अनुज, खड़े हो जाओ बेटा, ये जयपुर पुलिस है, खुश रहो, हम तुम्हारे लिए ही आए हैं.”  

आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने एक के बाद एक अन्य आरोपियों को भी पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस उस होटल में पहुंची, जहां अनुज को बंधक बनाकर रखा गया था. वहां कमरे में अनुज के साथ एक अपराधी भी सो रहा था, उसे पुलिस कार्रवाई की भनक तक नहीं लगी. इसके बाद पुलिस ने अनुज को सकुशल मुक्त करा लिया और अपहरण की वारदात में शामिल एक महिला के अलावा चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वीरेंद्र सिंह, विनोद, अमित कुमार, जितेंद्र भंडारी और जमुना सरकार शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक, वारदात का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर आरोपी वीरेंद्र सिंह है और उसकी लिव-इन पार्टनर जमुना सरकार है.  

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