नाग पंचमी के दिन घर में मुख्य द्वार पर नाग देवता की तस्वीर बनाने क्या है वजह

देवअधिदेव भगवान शिव को समर्पित सावन महीने में कई व्रत-त्योहार ऐसे होते हैं, जिनका अपना अलग ही महत्व है और उन्हीं में से एक है ‘नाग पंचमी’ का पर्व भी है। नाग पंचमी हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है।

आपको बता दें, नाग पंचमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दिन पूरी तरह से नागों या सांपों को समर्पित है, जिनकी हिंदू पौराणिक कथाओं में पूजा की जाती है। इस दिन बड़ी संख्या में भक्त नागों की पूजा करते हैं। यह त्योहार भारत और नेपाल में भी पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

बता दें, समूचे देशभर में नाग पंचमी का पर्व अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर इस दिन नाग देवता को दूध पिलाने की परंपरा है तो ​कहीं व्रत-उपवास रखा जाता है। वहीं कई जगह नाग पंचमी के दिन घर में मुख्य द्वार पर नाग देवता की तस्वीर बनाने की भी विशेष परंपरा है और इसके पीछे बेहद ही खास वजह छिपी हुई है। ऐसे में आज आइए जानते है घर में मुख्य द्वार पर नाग देवता की तस्वीर बनाने क्या है वजह –

घर में मुख्य द्वार पर नाग देवता की तस्वीर बनाने क्या है वजह –

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा का विधान है ओर कुछ जगहों पर इस दिन घर के मुख्य द्वार पर नाग देवता की तस्वीर या आकृति बनाई जाती है। ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है और इसके पीछे एक खास वजह भी है।

हिंदू धर्म शास्त्रों में नाग देवता को मां लक्ष्मी का अनुचर माना गया है। कहते हैं कि नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वारा नाग देवता की आकृति बनाने से मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं और सुख समृद्धि आती है।

मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति

ज्योतिषयों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन यदि कोई जातक घर के मुख्य द्वार पर नाग देवता की तस्वीर बनाकर उसका पूजा अर्चना करता है तो उसके कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। साथ ही सांपों के भय से भी मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं, नाग देवता की पूजा करने से राहु-केतु के दुष्प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।

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