यूक्रेन की सेना रूस पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है. क्रूस्क जैसे रूस के कई इलाकों में अंदर तक घुस गई है. रूस भी अपने जमीन से यूक्रेनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है. हवाई हमले भी कर रहा है. करीब ढाई साल पहले जब रूस और यूक्रेन के बीच सीधी लड़ाई शुरू हुई थी, तब यूक्रेन का पलड़ा कमजोर नजर आ रहा था, लेकिन अब पहली बार यूक्रेन इस लड़ाई में भारी पड़ता नजर आ रहा है.
यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस अंदर 700 किलोमीटर तक घुसकर मारने वाला एक नया हथियार डेवलप कर लिया है. लंबी दूरी की इस मिसाइल को ”पालियानयत्सिया”नाम दिया है. यूक्रेन के डिफेंस मिनिस्टर ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि उन्होंने रूसी बमों की काट ढूंढ निकाली है.
यूक्रेन ने जो नया हथियार डेवलप किया है वह मिसाइल और ड्रोन का कंबीनेशन है. इस हथियार का नाम यूक्रेन में मिलने वाले एक खास तरह के ब्रेड के नाम पर रखा गया है. यूक्रेन के इस नए हथियार के नाम के पीछे एक और दिलचस्प कहानी है. पहले विश्व युद्ध में संदिग्ध जासूसों के लिए ‘पालियानयत्सिया’ शब्द का ही प्रयोग किया जाता था. यूक्रेन की मिलिट्री ने अपने नए हथियार का जो वीडियो जारी किया है उसके मुताबिक इसकी रेंज 700 किलोमीटर (करीब 430 मील) तक है.
यूक्रेन की डिफेंस मिनिस्ट्री का दावा है कि उसका नया हथियार ”पालियानयत्सिया” रूस के काम से कम 20 एयरफील्ड्स को निशाना बना सकता है. इसके अलावा कई और छोटे-बड़े एयरफील्ड्स भी इसकी जद में हैं. इसमें रूस का प्रमुख ‘सावास्लेयाका’ भी शामिल है. यूक्रेन के डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि इस हथियार का खासतौर पर रूस के नाइट अटैक्स का जवाब देने के लिए किया जाएगा.
‘पालियानयत्सिया’ बनाने में शामिल रहे एक वैज्ञानिक ने कहा कि इसे बनाने में करीब 18 महीने पहले का वक्त लगा. जब हमने इस प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लिया था, तब हमारे दिमाग में एक ही बात थी रूसी मिसाइलों की काट ढूंढना. उन्होंने कहा कि नई मिसाइल में एक सॉलि़ड फ्यूल बूस्टर लगा है. साथ ही जेट इंजन भी लगाया गया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने खुद यूक्रेन इस नए हथियार की सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब हमारे पास एक ऐसा स्वदेशी और आधुनिक हथियार है, जो दुश्मन के हमलों का जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है. यूक्रेन ने नए हथियार का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है. एएफ़पी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 24 अगस्त को यूक्रेन की स्वतंत्रता की 33वीं वर्षगांठ के मौके पर ‘पालियानयत्सिया’ का पहली बार इस्तेमाल किया गया और रूस के एक मिलिट्री बेस को टारगेट बनाया गया.
यूक्रेन के टेक्नोलॉजी मिनिस्टर ने कहा कि अब हमारा अगला टारगेट इस हथियार का प्रोडक्शन बढ़ाना है. यह हमारे लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है और हम बहुत तेजी से इसके प्रोडक्शन पर काम करेंगे. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि अभी कितने हथियार हैं या किस पैमाने पर प्रोडक्शन हो रहा है.
यूक्रेन को अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों ने लॉन्ग रेंज की मिसाइलें तो दीं, पर उनके रूस के अंदरूनी इलाकों में इस्तेमाल पर पाबंदी लगा रखी है. वजह- पश्चिमी देशों को डर है कि अगर यूक्रेन ने रूस के अंदरूनी इलाकों में हमला किया तो लड़ाई और बढ़ सकती है. यूक्रेन के अलावा कई और देश इसकी जद में आ सकते हैं. हालांकि अब यूक्रेन के पास ‘पालियानयत्सिया’ के रूप में एक धाकड़ हथियार आ गया है और इसकी रेंज भी काफी है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह यूक्रेन का स्वदेशी हथियार है, इसलिए इसके इस्तेमाल पर किसी तरह की पाबंदी भी नहीं है.