क्या है मां शैलपुत्री की पूजा का शुभ मुहूर्त

आज 22 सितंबर सोमवार से कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि की शुरुआत पूरे देशभर में हो रही है। जगत जननी मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त अपने घर में माता की चौकी सजाने के साथ-साथ विधि विधान घटस्थापना करेंगे।

साथ ही माता दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करेंगे। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। उनकी उपासना करने से मानसिक शांति, स्थिरता और सकारात्मक सोच का विकास होता है। चलिए आपको बताते हैं नवरात्रि के पहले दिन की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, और शुभ रंग।
जानिए क्या है मां शैलपुत्री की पूजा का शुभ मुहूर्त:

सूर्योदय- सुबह 06:28

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:53 से सुबह 05:41
पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 06:28 से सुबह 08:20
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:08 से दोपहर 12:56
क्या है मां शैलपुत्री का स्वरूप

देवी शैलपुत्री का वाहन बैल है, जिन्हें भुजाओं के साथ दर्शाया गया है। माता रानी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।
कैसे पूजा करें दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से पहले विधि विधान घटस्थापना करें। कलश स्थापना के बाद माता के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उन्हें फूल अर्पित करें। इस दिन माता को बर्फी, खीर और रबड़ी का भोग लगाएं। माता के मंत्रों का जाप करें। अंत में मां शैलपुत्री की आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें।
नवरात्रि के पहले दिन का रंग

नवरात्रि‍ के पहले द‍िन नारंगी, लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। मान्‍यता है क‍ि इस दिन इन रंगों के वस्त्र धारण करने से मां शैलपुत्री का आशीर्वाद मिलता है।
मां शैलपुत्री का भोग

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को सफेद चीजों जैसे बर्फी, खीर और रबड़ी का भोग लगाएं।
मां शैलपुत्री की आरती

शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।

शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।

पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।

ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।

उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।

श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।

मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *