नवरात्रि महानवमी कन्या पूजन: शुभ मुहूर्त और पूजन विधि की जानकारी

Shardiya navratri: आदिशक्ति मां दुर्गा के उत्‍सव का महापर्व शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से प्रारंभ हो चुका है। इस साल शारदीय नवरात्रि 10 दिन के हैं। दरअसल नवरात्र में दस दिन का योग बहुत उत्तम है। इस साल चतुर्थी तिथि दो बार होने के कारण शारदीय नवरात्र दस दिन के हैं। अब ऐसे में कन्या पूजन और महाष्टमी तिथि को लेकर कंफ्यूजन है।इस साल महाष्टमी तिथि 30 सितंबर को है। इस दिन कन्या पूजन होगा। इस दिन शोभन योग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा। इस बार नवरात्रि के 10वें दिन कन्या पूजन कर उपवास खोला जाएगा। 28 को बिलवाभिमंत्रण दो अक्टूबर को अपराजिता पूजन 28 सितंबर रविवार को बिलवाभिमंत्रण व देवी बोधन आमंत्रण पूजन की जाएगी। वहीं, 29 सितंबर को पत्रिका प्रवेश, पूजन मूर्ति स्थापन के बाद पट खुलते ही भक्त देवी दर्शन कर सकेंगे। उसी रात महानिशा पूजन की जाएगी। महाष्टमी व्रत 30 सितंबर को होगा। एक अक्टूबर को नवमी के दिन हवन और दो अक्टूबर को अपराजिता पूजन और विजया दशमी मनाई जाएगी।

अष्टमी तिथि का प्रारंभ 29 सितंबर शाम करीब 4:31 बजे से होगा और समाप्ति 30 सितंबर शाम 6:06 बजे पर होगी। इसके अगले दिन नवमी तिथि का प्रारंभ 30 सितंबर को शाम करीब 6:06 बजे होगा और समाप्ति 1 अक्टूबर को शाम 7:01 बजे होगी।

नवरात्र के आठवें दिन किसकी होती है पूजा
नवरात्रि के आठवे दिन मां दुर्गा के महागौरी की पूजा की जाती है। कहीं, कहीं इस दिन कन्या पूजन होता है। इस का बहुत अधिक महत्व है, क्यों कि पौराणिक कथाओं के अनुसार महाअष्टमी के दिन ही देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन कन्या पूजन और हवन किया जाता है। छोटी कन्याओं को मां स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और उनको हलवा -चने और पूरी का भोग लगाकर उपहार दिया जाता है।
कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त 04:37 ए एम से 05:25 ए एम

अभिजित मुहूर्त 11:47 ए एम से 12:35 पी एम
विजय मुहूर्त 02:10 पी एम से 02:58 पी एम

अमृत काल 02:56 ए एम, अक्टूबर 01 से 04:40 ए एम

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