हिंदू धर्म में भगवान शिव को रूद्राक्ष बेहद प्रिय होता है। इसे पहनने से भक्त की सारी परेशानियों का हल मिलने लगता है। रूद्राक्ष के कई प्रकार होते है या कह सकते है इसके मुख होते हैं जो अलग-अलग तरह से विशेषता रखते है। 4 मुखी रूद्राक्ष भी इनमें से एक है जो अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली है जिसमें स्वयं ब्रह्मा और माता सरस्वती की दिव्य ऊर्जा का वास होता है। इस तरह के रूद्राक्ष की बनावट में प्राकृतिक धारियाँ होती हैं, इसलिए इसे “चार मुखी” कहा जाता है।
कहते हैं कि, चार मुखी रूद्राक्ष धारण करने से कई फायदे मिलते है। इसमें यह विशेष रूप से बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और बुद्धि, वाणी तथा स्मरण शक्ति को प्रबल बनाने वाला रुद्राक्ष माना जाता है। विशेष रूप से चार मुखी रूद्राक्ष धारण करने के क्या नियम होते है और किस तरह के फायदे-नुकसान मिलते हैं। इसके बारे में चलिए जानते है..
क्यों पहनना चाहिए 4 मुखी रुद्राक्ष
हिंदू धर्म के अनुसार, 4 मुखी रूद्राक्ष का महत्व होता है इस रूद्राक्ष में ब्रम्हा देव और देवी सरस्वती का वास होता है तो वहीं पर इसे धारण करने से ज्ञान, बुद्धि और वाणी में सकारात्मक प्रभाव मिलता है। यहां पर चार मुखी रूद्राक्ष को चार वेदों और चार वर्णों का प्रतीक माना जाता है। वहीं पर इन रूद्राक्ष में जीवन के चार आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास तथा चार पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष मिलते है। इसे लेकर ज्योतिष में माना जाता है, कि 4 मुखी रुद्राक्ष बुध ग्रह से जुड़ा हुआ है और इसे पहनने से जन्म कुंडली में बुध से जुड़े दोष दूर होते हैं तथा शिक्षा और करियर में प्रगति मिलती है।
जानिए 4 मुखी रुद्राक्ष धारण की विधि
यहां पर 4 मुखी रूद्राक्ष को धारण करने की सोच रहे है तो आपको इसकी सही विधि के बारे में जरूर जानना चाहिए। रूद्राक्ष धारण करते समय आप सही समय, शुद्धिकरण और मंत्रों का जाप करते है तो आपको इसके कई लाभ मिलते है।
1- चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए सोमवार या बुधवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। इससे रुद्राक्ष का प्रभाव बढ़ता है और अधिक फायदेमंद होता है।
2-दिन तय करने के बाद आप रुद्राक्ष को सबसे पहले गंगाजल या कच्चे दूध में कुछ मिनटों के लिए डुबोकर शुद्ध करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी औऱ सकारात्मक लाभ मिलता है।
3-शुद्धिकरण के बाद रुद्राक्ष को पीपल के पत्ते पर रखें, उस पर पुष्प अर्पित करें और धूप-दीप दिखाएँ।
4-अब “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र चार मुखी रुद्राक्ष के देवता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है।
5- इसके अलावा पूजा करने के बाद आप इसे सोने या चांदी की चेन में पहन सकते हैं, या फिर लाल धागे में भी गले या बाजू में धारण कर सकते हैं। ख्याल रहें कि, रुद्राक्ष धारण करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करें फायदा मिलता है।
जानिए 4 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे औऱ नुकसान
बताते चलें कि, 4 मुखी रूद्राक्ष पहनने के कई फायदे होते है तो वहीं पर नुकसान भी देखने के लिए मिलते है, जिसके बारे में शायद आपको जानकारी ना हो, चलिए जानते है।
फायदे-
1- 4 मुखी रूद्राक्ष पहनने से विद्यार्थियों को लाभ होता है उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। दिमाग की शक्ति और सकारात्मक विचार की स्पष्टता बढ़ती है।
2- इसका फायदा बोलने की कला रखने वाले लोगों को मिलता है। यह रूद्राक्ष स्पष्ट और प्रभावशाली बोलने में मदद करता है। इस रूद्राक्ष से आपके अंदर का डर, झिझक और संकोच दूर होता है।
3- 4 मुखी रूद्राक्ष पहनने से तार्किक शक्ति की मजबूती मिलती है।वैज्ञानिक, वकील, लेखक, शिक्षक जैसे बौद्धिक पेशों में जुड़े लोग 4 मुखी रुद्राक्ष के लाभ का खूब अनुभव करते हैं। उन्हे निर्णय लेने और समस्याओं का हल निकालने में मदद मिलती है।
4-चार मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति देता है और थकान को कम करता है। यह अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और बार-बार चिंता जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
5-यह रूद्राक्ष मानसिक और शारीरिक रूप से फायदा दिलाता है।यह गले, स्वरयंत्र और थायरॉयड ग्रंथि से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद माना जाता है।
नुकसान
1- 4 मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से फायदों के अलावा नुकसान भी मिलते है। इस रूद्राक्ष से व्यक्ति में विचार शक्ति तो बढ़ती है, लेकिन गलत विधि से धारण किया गया रुद्राक्ष अत्यधिक सोचने की आदत को जन्म दे सकता है। इससे मन में उलझन और तनाव भी बढ़ सकता है।
2- इस प्रकार चार मुखी रूद्राक्ष धारण करने से रिश्तों में अपने पन की कमी और आपसी समझ की कमी होती है। गलत विधि से रूद्राक्ष को धारण करने से बचें।
3-इस रूद्राक्ष को धारण करने से निर्णय लेने में हिचकिचाने लगता है, खासकर तब जब इसे बिना किसी योग्य ज्योतिषी या गुरु के मार्गदर्शन के पहना जाता है।
4-खंडित रूद्राक्ष पहनने से भी नकारात्मक परिणाम मिलते है। ऐसा माना जाता है कि इससे शिक्षा, बुद्धि और स्मरण शक्ति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
5-असली के बजाय नकली चार मुखी रुद्राक्ष पहन ले, तो इसका असर न सिर्फ कम हो जाता है बल्कि जीवन में बाधाएँ भी आ सकती हैं।