31 अक्टूबर को अक्षय नवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। आपको बता दें, पंचांग के मुताबिक, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी मनाई जाती है। सनातन धर्म में इस दिन का बड़ा महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की विशेष पूजा करने पर साधक को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए इसे ‘अक्षय नवमी’ कहा गया है।
इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने आंवले के पेड़ में निवास किया था। इसी कारण अक्षय नवमी पर आंवले की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर ज्योतिष की मानें, तो इस दिन कुछ चीजें खरीदने भी फलदायी माना गया है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि अक्षय नवमी पर क्या खरीदना चाहिए और क्या नहीं खरीदना चाहिए।
अक्षय नवमी पर इन चीजों को घर लाना है शुभ
इस दिन अगर आप कुछ नया खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह मौका बेहद मंगलकारी माना जाता है। मान्यता है कि अक्षय नवमी पर की गई खरीदारी कभी नष्ट नहीं होती और घर में लक्ष्मी का वास बनाए रखती है।
सोना और चांदी, तांबे की वस्तुएं दीपक, कलश, शंख, तुलसी का पौधा या पूजा के पात्र आंवले का पौधा आदि खरीद सकते हैं।
अक्षय नवमी पर क्या नहीं खरीदना चाहिए
- इस दिन दिखावे या विलासिता की चीजें जैसे फैशन आभूषण या महंगे कपड़े खरीदने से बचें।
- इस दिन दिखावे या विलासिता की चीजें जैसे फैशन आभूषण या महंगे कपड़े खरीदने से बचें।
- इस दिन को लेकर कहा जाता है कि कर्ज लेकर खरीदारी करना इस दिन अशुभ माना गया है।
- अक्षय नवमी पर फिजूलखर्च और भौतिक चीजों की अति से दूर रहें।
अक्षय नवमी पर क्या दान करें
- अक्षय नवमी के दिन दान-पुण्य करना बहुत फलदायी होता है।
- इस दिन आप गरीबों को अन्न और धन दे सकते हैं।
- इस दिन सात तरह के अनाज दान करने से घर में अन्न की बरकत होती है।
- इस दिन जरूरतमंद को कपड़े, कंबल या सोने-चांदी जैसी चीजें दान करना भी शुभ होता है।
क्यों खास है अक्षय नवमी
धार्मिक मान्यताओं में यह दिन धर्म, सत्य और स्थायी समृद्धि का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं और जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से व्रत, दान या पूजा करता है, उसके घर में स्थायी सुख-समृद्धि बनी रहती है।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, ध्यान और व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। भक्त मंदिरों में जाकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और आंवले के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर प्रसाद चढ़ाते हैं। कई जगह महिलाएं अपने परिवार की दीर्घायु और संतान सुख के लिए आंवला वृक्ष की परिक्रमा भी करती हैं।