दंतेवाड़ा कलेक्टर कार्यालय ने एनएमडीसी पर 1620.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और मुआवजा लगाने का प्रस्ताव किया*

दंतेवाड़ा कलेक्टर कार्यालय ने एक पत्र के माध्यम से एनएमडीसी लिमिटेड पर रेलवे ट्रांजिट पास (आरटीपी) के बिना लौह अयस्क के कथित परिवहन के लिए 1620.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और मुआवजा लगाने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव विभिन्न खनन कानूनों के उल्लंघन के आधार पर रखा गया है।

एनएमडीसी ने इस नोटिस को पूरी तरह से अनुचित करार देते हुए, निम्नलिखित तथ्यों के आधार पर आपत्ति जताई है:

  1. एनएमडीसी लिमिटेड भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से सभी आवश्यक मंजूरियों के साथ प्रचालन कर रहा है, जिसमें वैध खनन पट्टे, अनुमोदित खनन योजना, सीटीओ, सीटीई, पर्यावरण मंजूरी और वन मंजूरी शामिल हैं।
  2. एनएमडीसी ने छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन एवं भंडारण) नियम, 2009 के अनुसार अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान किया है, और राज्य सरकार को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ई-परमिट नंबर प्राप्त हुए हैं।
  3. चूंकि अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान किया गया है, इसलिए रेलवे ट्रांजिट पास (आरटीपी) के बिना लौह अयस्क के कथित परिवहन का कोई उल्लंघन नहीं है।
  4. राज्य सरकार रॉयल्टी मूल्यांकन के समय अभिलेखों का नियमित सत्यापन करती है, और अब तक कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है।
  5. लौह अयस्क ग्रेड को अंतिम रूप देने में समय लग सकता है, जिससे रेलवे ट्रांजिट पास (आरटीपी) के निर्माण में कुछ दिनों की देरी हो सकती है, लेकिन इससे राज्य के खजाने को कोई नुकसान नहीं होता है।

एनएमडीसी ने इस संबंध में दंतेवाड़ा कलेक्टर को उचित उत्तर प्रस्तुत किया है और सभी संबंधित तथ्यों को स्पष्ट किया है।

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