बिहार में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे एनडीए ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। एनडीए के सभी दलों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। स्ट्राइक रेट में बीजेपी सबसे आगे है, लेकिन एक और पार्टी है जिसने सबको चौंका दिया है।
जी हां! जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर), जो कि बिहार एनडीए की तरफ से दी गई 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। उसने 6 में से 5 पर जीत हासिल की है। स्ट्राइक रेट के लिहाज से देखें तो बीजेपी से कम, जदयू के लगभग बराबर और एनडीए के बाकी सारे दलों से ज्यादा है।
NDA में किसे मिलीं कितनी सीटें?
ऐसा इसलिए क्योंकि 101 सीटों पर लड़ने वाली नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को 85 सीटों पर जीत मिली है। जबकि बीजेपी ने इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़कर 89 सीटों पर विजयश्री हासिल की है। इसके अलावा 29 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) को 19 और 6 सीटों पर लड़ने वाली उपेन्द्र कुशवाहा की आरएलएम को 4 सीटों पर विक्ट्री मिली है।
किस पार्टी का स्ट्राइक रेट कितना?
| क्रमांक | पार्टी | स्ट्राइक रेट (%) |
|---|---|---|
| 1 | बीजेपी | 88.12 |
| 2 | जेडीयू | 84.16 |
| 3 | हम | 83.33 |
| 4 | एलजेपी (आर) | 66.67 |
| 5 | आरएलएम | 65.52 |
अब BJP से होगी असली बार्गेनिंग!
जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ के इस स्ट्राइक रेट ने उन्हें अब मौका दे दिया है। चिराग पासवान को भी लोकसभा चुनाव में 100 परसेंट स्ट्राइक रेट की बदौलत इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में 29 सीटें दी गई थीं। वहीं, मांझी राष्ट्रीय पार्टी बनने की दुहाई देते हुए 15 सीटें मांगते रह गए पर एनडीए ने उनकी ये मांग पूरी नहीं की।
क्या चाहते हैं जीतन राम मांझी?
अब जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के तरफ से नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्रिपद, 2029 के लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें और 2030 के विधानसभा चुनाव में 15 सीटों की डिमांड कर सकेंगे। अगली बार वह जरूर चाहेंगे कि एनडीए की तरफ से उन्हें 15 सीटें मिलें, जिसमें से 50 फीसदी सीटों पर जीत हासिल करते हुए वह राष्ट्रीय दल बनने के लिए दावा ठोंक सकें। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या कुछ होता है।