बिहार में सरकार गठन को लेकर एक अहम खबर सामने आई है। विभागों के बंटवारे को लेकर गतिरोध पैदा हो गया है। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा बिहार में अपना गृह मंत्री चाहती है। हालांकि, पिछली बार की तरह जदयू भी गृह मंत्रालय छोड़ने को तैयार नहीं है। नीतीश कुमार शुरू से ही यह मंत्रालय संभाल रहे हैं। इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयास जारी हैं।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा एक छोटा शपथ ग्रहण समारोह भी चाहती है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हों। सूत्र यह भी संकेत दे रहे हैं कि बाकी मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाए। इस मामले पर अंतिम सहमति आज की बैठक के बाद ही पता चलेगी।
नई सरकार का शपथ ग्रहण 20 नवंबर को होना है। मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मंगलवार को नीतीश कुमार खुद शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का जायजा लेने गांधी मैदान गए। यह 10वीं बार होगा जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
गौरतलब है कि भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया है। इसी तरह, जदयू ने भी अभी तक अपने विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया है। चिराग पासवान की लोजपा ने राजू तिवारी को अपना नेता घोषित किया है। इसी तरह, प्रफुल मांझी हम विधायक दल के नेता बन गए हैं। रालोद ने उपेंद्र कुशवाहा को नेता चुनने के लिए अधिकृत किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और भाजपा के विधायक दल आज यानी बुधवार को अलग-अलग बैठकें करेंगे। जदयू विधायक सुबह मुख्यमंत्री आवास पर एकत्रित होंगे। हमेशा की तरह, जदयू विधायक दल की बैठक भी वहीं होगी।
जबकि भाजपा विधायक दल की बैठक सुबह 10 बजे पार्टी कार्यालय के अटल सभागार में होगी। भाजपा ने बैठक के लिए सभी सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को आमंत्रित किया है। भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक भी मौजूद रहेंगे, जिनकी मौजूदगी में चुनाव होगा।
इसके बाद एनडीए विधायक दल की बैठक दोपहर 3:30 बजे विधानसभा भवन में होगी। पहले ये बैठकें मुख्यमंत्री आवास पर होती थीं। जहां एनडीए के सभी पांच दलों के विधायक सामूहिक रूप से अपना नेता चुनेंगे। एनडीए विधायक दल का नेता बिहार का अगला मुख्यमंत्री भी बनेगा।