गाजा में हमास की कैद में मौजूद बंधकों को लेकर इजरायल को बड़ा झटका लगा है. दक्षिणी गाजा के सुरंग से 6 बंधकों के शव बरामद किए गए हैं. इन सभी शवों की पहचान भी कर ली गई है. इजरायली सेना का कहना है कि उनके मौके पर पहुंचने से पहले ही इन बंधकों को बेरहमी से मार दिया गया. अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी बंधकों की मौत पर निराशा प्रकट करते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया है.
इजरायली सेना के मुताबिक, गाजा में मरने वाले बंधकों की पहचान कार्मेल गैट, हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन, एडेन येरुशाल्मी, अलेक्जेंडर लोबानोव, अल्मोग सरुसी और ओरी डैनिनो के रूप में हुई है. उनके शवों को इजरायल लाया गया है. सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया कि कुछ दिन पहले, दक्षिणी इजराइल में बेडौइन समुदाय के सदस्य कैद फरहान अलकादी को एक किलोमीटर दूर बचाया गया था.
इसके बाद सैनिकों को और अधिक सतर्क रहने को कहा गया था. हालांकि बंधकों की कोई सटीक जानकारी नहीं थी. बंधको की रिहाई को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं और नेतन्याहू सरकार पर उचित कदम नहीं उठाने का भी आरोप लग रहे हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद 250 बंधकों को हमास ने कैद कर लिया था. इसमें से इन 6 बंधको की मौत ने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया है.
यही वजह है कि तेल अवीव की सड़कों पर एक बार फिर लोगों का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. इसमें हजारों की संख्या में लोग हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर सड़कों पर उतर आए और बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान नाराज प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिडंत भी हुई, जिसमें पुलिसकर्मिय़ों ने भीड़ को हटाते हुए कई उग्र प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया.
पिछले साल अक्टूबर से शुरु हुए हमास-इजरायल जंग में अब तक कई मासूमों की जान चली गई है. इसके कारण ही हमास की कैद में मौजूद बंधकों की रिहाई के लिए परेशान इजरायल के लोगों को एक बार फिर सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है. नाराज प्रदर्शनकारियों की माने तो नेतन्याहू सरकार सिर्फ गाजा-मिस्र सीमा पर फिलाडेल्फी गलियारे पर नियंत्रण बनाए रखने पर जोर दे रही है.
आरोप है कि नेतन्याहू सरकार बंधकों की रिहाई के लिए कोई जरूरी कदम नहीं उठा रही है. एक बंधक इदान श्तिवी के भाई ओमरी ने कहा, “इजरायली सेना के जनरल जो फिलाडेल्फी गलियारे को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, हमारे सामने खड़े होकर जोर से और खुले तौर पर कहते हैं कि बकवास है. नेतन्याहू बंधकों को छुड़ाने के लिए कोई सौदा करना नहीं चाहते. यही वजह है कि हम उनकी सरकार के इस्तीफे की मांग करते हैं.”
हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम लगाने के लिए पिछले कई महीनों से अमेरिका, कतर और मिस्र मध्यस्थता करने की कोशिशों में जुटा हुआ है. लेकिन जहां हमास गाजा से इजरायली बलों की पूरी तरह से वापसी और स्थायी संघर्ष विराम की मांग पर अड़ा हुआ है. वहीं दूसरी ओर इजरायल भी हमास के पूर्ण खात्मे के बाद ही युद्ध रोकने की बात कर रहा है. नेतन्याहू के इन फैसलों पर इजरायल के लोग बेहद नाराज हैं.
लोग अपनी नाराजगी जताते हुए सरकार से बंधकों को सुरक्षित घर लाने के लिए जल्द से जल्द समझौता करने की अपील कर रहे हैं. पिछले करीब 11 महीनों से चल रही इस जंग में अब तक करीब 1200 लोग मारे गए हैं. करीब 250 लोगों को बंधक बनाया गया है. वहीं गाजा में अब तक 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. करीब 23 लाख लोगों में से करीब 90 फीसदी को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा