गांवों की नई तस्वीर: मोर गांव-मोर पानी अभियान

रायपुर। रायगढ़ जिला जल संरक्षण और ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत डबरी निर्माण को राज्य शासन के महत्वाकांक्षी “मोर गांव-मोर पानी” महा अभियान से जोड़ते हुए जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण विकास को स्थायी आधार प्रदान किया जा रहा है। यह पहल वर्षा जल संरक्षण के साथ-साथ कृषि, रोजगार और आय का अवसर उपलब्ध करा रही है।

इस अभियान का उद्देश्य जल संकट से प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा और किसानों की आय बढ़ाना है। मनरेगा के अंतर्गत निर्मित डबरियों से किसानों को वर्ष भर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे खरीफ के साथ रबी और जायद फसलों की खेती हो सकेगी। इससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आर्थिक बेहतर होगी।

डबरियों में मछली पालन को प्रोत्साहित कर ग्रामीणों के लिए आय के अतिरिक्त अवसर सुलभ कराए जा रहे हैं। जिले में 500 से अधिक डबरियों के निर्माण का लक्ष्य है। इन कार्यों से हजारों ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त होगा। “मोर गांव-मोर पानी” महा अभियान के अंतर्गत चेक डेम, फार्म पॉन्ड, कंटूर ट्रेंच, परकुलेशन टैंक, सोक पिट, वृक्षारोपण एवं ग्रे वाटर प्रबंधन जैसे कार्य किए जा रहे हैं। अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने हेतु ग्राम सभाओं, जल शपथ कार्यक्रमों, रैलियों और दीवार लेखन के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है।

स्व-सहायता समूहों तथा “बिहान” योजना से जुड़ी दीदियों की सहभागिता से जल संरक्षण के साथ आजीविका गतिविधियों को भी सशक्त किया जा रहा है। जीआईएस तकनीक के माध्यम से कार्यों की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे ग्राम पंचायतों के माध्यम से आवेदन कर इस अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाएं और जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप दें।

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