उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने हाल ही में देश में आई भारी बाढ़ और भूस्खलनों को रोकने में विफल रहने के आरोप में 20 से 30 अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी. इस बाढ़ में करीब 4,000 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 15,000 से अधिक लोगों को पलायन करना पड़ा था. दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार, किम ने अधिकारियों को भ्रष्टाचार और कर्तव्य की उपेक्षा के आरोपों के तहत मृत्युदंड देने का आदेश दिया था.
टीवी चोसुन की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 20 से 30 अधिकारियों को एक साथ फांसी पर चढ़ाया गया. पहले मीडिया में खबर आई थी कि किम ने इन अधिकारियों को कठोर दंड का ऐलान किया था. लेकिन अब फांसी की बात सामने आ रही है. हालांकि, जिन अधिकारियों की फांसी की गई है, उनके नाम का खुलासा नहीं किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाढ़ के बाद अधिकारियों को डर सता रहा था कि कब उनका नंबर आ जाएगा.
पिछले महीने किम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया था. इस दौरान किम ने उन रिपोर्टों का खंडन किया था जिसमें कहा गया था कि बाढ़ से देशभर में हजारों लोगों की मौत हुई है.
यह पहली बार नहीं है जब किम ने कथित विफलताओं के लिए फांसी का आदेश दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2019 में उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर एम्बेसडर किम ह्योक चोल को अमेरिका के साथ किम और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच शिखर वार्ता न कराने के आरोप में फांसी दी गई थी. उत्तर कोरिया में सार्वजनिक फांसी की एक लंबी परंपरा रही है. कोरिया टाइम्स के अनुसार, महामारी से पहले हर साल औसतन 10 फांसी की जाती थी, लेकिन पिछले साल यह संख्या बढ़कर कम से कम 100 हो गई थी.