कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दो याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती और जमानत की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर दोनों पक्षों की ओर से घंटों दलीलें दी गईं। इस दौरान सीबीआई के वकील एएसजी एसवी राजू ने पंजाब में एक शराब कारोबारी से रिश्वत की मांग का भी दावा किया।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक एएसजी एसवी राजू ने कहा कि दिल्ली की शराब नीति में में एक पंजाब एंगल भी है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली का नाम लेते हुए पंजाब में महादेव नाम की शराब कंपनी से रिश्वत की मांग की गई। उन्होंने कहा, ‘डिस्टलरी मालिक (महादेव) को बताया गया था कि समस्या दिल्ली में है। उसे यह जवाब तब दिया गया जब उसने पूछा कि वह दुकान क्यों नहीं खोल सकता है।’

एएसजी ने कहा कि आबकारी अधिकारियों ने गलत इरादे से उसकी शराब की भट्टियां बंद कर दीं। जब उसने सवाल किया तो कहा गया कि समस्या दिल्ली में है, और उसने रिश्वत नहीं दी है। जैसे ही उसने सरेंडर किया, डिस्टलरी को दोबारा चालू करने के लिए लाइसेंस दे दिया गया। एएसजी ने यह भी कहा कि कई लोग गोवा में भी हैं जो इसमें शामिल हैं। 

इसके जवाब में केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि मनीष सिसोदिया के मामले में भी इसका जिक्र किया गया था। सिसोदिया और महादेव के बीच कोई दूर का लिंक भी नहीं दिखा था। केजरीवाल और महादेव के बीच कैसे इसे दिखाया जा सकता है? सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए जमानत की मांग की। वहीं, सीबीआई ने यह कहते हुए जमानत याचिका का विरोध किया कि केजरीवाल को पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। आम आदमी पार्टी के प्रमुख को सीबीआई ने 25 जून को गिरफ्तार किया था, जब वह ईडी की हिरासत में थे। ईडी केस में उन्हें अंतरिम जमानत मिल चुकी है।

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