पब्लिक इमरजेंसी, ड्रोन-ग्रेनेड अटैक और हर कंधे पर हथियार.

भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए लगातार अपनी ट्रेनों को अपडेट कर रहा है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के बाद अब कम दूरी पर स्थित दोनों शहरों के बीच ‘वंदे मेट्रो’ ट्रेन चलाने की योजना बनाई जा रही है. जिसके तहत गुजरात में अहमदाबाद और कच्छ के भुज के बीच पहली वंदे मेट्रो ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. इसलिए संभावना है कि जल्द ही गुजरात में किसी लंबे रूट पर ‘वंदे मेट्रो’ शुरू की जाएगी. 


आधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे मेट्रो ट्रेन की अधिकतम गति सीमा 100 से 200 के बीच किलोमीटर प्रति घंटे होगी. 3 गुणा 3 बेंच-टाइप सिटिंग अरेंजमेंट अधिकतम यात्रियों को आरामदायक सफर का लुत्फ उठाने में मदद करेगी. वंदे मेट्रो कोच में इमरजेंसी की स्थिति में ट्रेन ड्राइवर से बात करने के लिए टॉक बैक सिस्टम होगा. हर कोच में 14 सेंसर के साथ आग और धुएं का पता लगाने वाले सिस्टम लगाए गए हैं ताकि ट्रेन में किसी प्रकार के उठने वाले धुएं का तुरंत पता चल सके. दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए कोचों में व्हील-चेयर सुलभ शौचालय की सुविधा भी रहेगी.


रेलवे से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की रेलवे मंत्रालय के फैसले बाद तय होगा की ट्रेन किस रूट पर वंदे मेट्रो ट्रेन चलेगी, लेकिन शायद पीएम मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) पर ही गुजरात को वंदे मेट्रो की नई भेट मिलने का आसार हैं, जिसके चलते ही इसका लंबी दूरी पर ट्रायल रन किया जा रहा है. 

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