दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई।

Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग बुझाने के दौरान बड़ी मात्रा में नगदी मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया है.

Rajya Sabha: राज्यसभा में आज (21 मार्च) की कार्यवाही शुरू होते ही दिल्ली हाई कोर्ट जज के घर मिले नोटों के ढेर का मुद्दा उठा. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस मामले को 
उठाते हुए सभापति से कहा कि 55 सदस्यों ने आपको पत्र लिखकर यह मांग की है कि केंद्र सरकार न्यायपालिका की अकाउंटेबिलिटी बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए.

दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी. वह घर पर नहीं थे. ऐसे में परिवारवालों ने फौरन फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया. आग पर काबू पाने के दौरान दमकल कर्मियों को बंगले के अंदर बड़ी मात्रा में नोटों का ढेर दिखा. इसके बाद यह बात बड़े अधिकारियों तक पहुंची और फिर सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंच गया.

जस्टिस यशवंत वर्मा का फौरन ट्रांसफर
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने फौरन कॉलेजियम की बैठक बुलवाई और जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया. जस्टिस वर्मा पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही पदस्थ थे. 

आगे क्या होगा?
क्या यह मामला ट्रांसफर पर ही खत्म हो जाएगा या जस्टिस वर्मा पर आगे एक्शन होगा? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपने स्तर पर होने वाली जांच में क्या निष्कर्ष निकालता है. संभव है कि जांच में अगर जस्टिस यशवंत वर्मा खुद को नहीं बचा पाते हैं तो उनसे इस्तीफे की मांग हो. इस्तीफा न देने पर संसद में उनके खिलाफ महाभियोग लाया जा सकता है. बता दें कि महाभियोग लाकर ही किसी सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जस्टिस को उनके पद से हटाने का प्रावधान है.

जस्टिस यशवंत वर्मा के पद से हटने के बाद उन पर अन्य कार्रवाई की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल, इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट क्या-क्या कदम उठाता है, यह देखना दिलचस्प होगा.

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