आंगनबाड़ी केंद्र में सवर रहा है बचपन, सिख समझ और भविष्य की नींव गढ़ने का हो रहा है अनूठा प्रयास

मोहला, बचपन की सीख, समझ और कसावट जीवन की आधारशिला है। बचपन और बालपन में सीखी गई चीजें जीवन की दिशा तय करती है। बचपन और बालपन एक कच्ची मिट्टी की तरह होता है, जिसे जिस रूप में ढाला जाए, वैसा आकर लेकर यथार्थ रूप में साकार होता है। इस विषय और बात को दृष्टिगत रखते हुए आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों का भविष्य संवारने का काम मजबूती के साथ किया जा रहा है। जिले के दूरस्थ महाराष्ट्र राज्य की सीमा से लगे हुए ग्राम-मडिय़ानवाड़वी के आंगनबाड़ी केंद्र में अध्यनरत बच्चों का भविष्य सवारने का काम बखूबी किया जा रहा है। यहां अध्ययनरत बच्चों का देखरेख खुशनुमा माहौल में मां की तरह किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचते ही बच्चों को हास परिहास के साथ खुशनुमा माहौल में समूह में बैठाया जाता है। सुबह बच्चों को हेल्दी नाश्ता दिया जाता है। साथ ही बच्चों को पोषण युक्त भोजन दिया जाता है। पारिवारिक माहौल में बच्चों को शिक्षा के साथ जीवन की पाठशाला भी सिखाया जाता है। बच्चों को विविध गतिविधियों में परंपरागत करने के उद्देश्य से खेल-कूद, साफ-सफाई सिखा दिया जा रहा है। बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी यहां किया जा रहा है। जीवन के नैतिक मूल्यों और संस्कार की सीख भी दिया जा रहा है। जिले के अंतिम छोर के मडिय़ानवाड़वी आंगनबाड़ी केंद्र में यह दृश्य देखकर भविष्य बढ़ते भारत का सुनहरा भविष्य का आईना दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *