द्वारका के बाद अब सोमनाथ में चला सरकारी बुलडोजर, अवैध निर्माण के साथ कई इमारतों पर एक्शन

देश के प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंग में से एक गुजरात के सोमनाथ मंदिर से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर सरकारी जमीन पर रहे अवैध निर्माणों को शुक्रवार देर रात से हटाया गया. देर रात भारी पुलिस प्रशासन के तैनात होने के बाद सोमनाथ में काफी लोंगो ने अफवाह फैलाई थी, जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए. पुलिस ने लोगों को समझाया और सुबह 3 बजे के बाद डिमोलिशन किया गया.

पुलिस सूत्रों कि मानें तो 50 से ज्यादा बुलडोजर चलाए गए. इस दौरान 9 अवैध धार्मिक स्थल और 45 पक्के मकानों को तोड़ा गया. सोमनाथ के एसपी मनोहर सिंह जडेजा ने कहा कि सरकारी जमीन पर जो भी अवैध निर्माण थे वो हटाये गये हैं और फिलहाल पूरे इलाके में शांति है. 

प्रशासन ने लोगों  को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. पुलिस के मुताबिक, पूरे शहर में माहौल शांतिपूर्ण है और किसी को डरने के जरूरत नहीं है. इस दौरान हुई कार्रवाई से 15 हेक्टेयर सरकारी जमीन के अवैध निर्माण हटे हैं और इसकी कीमत 60 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

डिमोलिशन के बाद अप्रिय घटना को रोकने के लिए, अवैध निर्माण वाले स्थान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. सोमनाथ के भिडिया सर्कल और गुडलक सर्कल के दोनों तरफ प्रवेश पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं. पूरी सड़क पर जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए और वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था. 

एक अधिकारी ने बताया, ‘आज सुबह हुए डिमोलिशन में 1400 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे जिसमें आईजी रेंज के 3 अफसर, 3 एसपी, 4 डीएसपी, 12 पुलिस इंस्पेक्टर, 24 पीएससआई भी शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो पुलिस ने 130 से ज्यादा लोंगो को डिटेन किया था जो मौके पर पहुंचकर हल्ला मचा रहे थे या फिर डिमोलिशन को रोकने का प्रयास करके इलाके की शांति को भंग करना चाहते थे. इस डिमोलिशन को सोमनाथ का अबतक का सबसे बड़ा डिमोलिशन माना माना जा रहा है. जिला मजिस्ट्रेट कि मौजदूगी में ही सारे अवैध निर्माण हटाये गये हैं.’

महत्वपूर्ण बात ये है कि उज्जैन कॉरिडोर की तरह सोमनाथ में भी कोरिडोर बनना है, जिसके लिए केन्द्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. सोमनाथ मंदिर के विकास के लिए अनेक योजनाओं पर काम चल रहा है. ऐसे में इस डिमोलिशन के बाद कॉरिडोर के काम में तेजी आने की संभावना है. 
 

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