कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। हजारों भारतीय-कनाडाई लोग ग्रेटर टोरंटो एरिया में सड़कों पर उतर आए। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार खालिस्तान समर्थक तत्वों के विरोध में रैली निकाली। सोमवार को विरोध प्रदर्शन में लगभग 5 हजार भारतीय-कनाडाई शामिल हुए। मौके पर पुलिस बल की कड़ी तैनाती थी। मंदिर के सामने का रास्ता बंद होने के कारण उन्होंने द्वार के बाहर प्रदर्शन किया। क्षेत्रीय पुलिस की ओर से इसे गैरकानूनी सभा घोषित कर दिया गया, जिसके बाद देर शाम रैली तितर-बितर हो गई। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन में हथियार भी देखे गए थे।
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में रविवार को हिंदू महासभा मंदिर को चरमपंथियों ने अपना निशाना बनाया था। पील क्षेत्रीय पुलिस ने बताया कि ब्रैम्पटन के एक मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ। सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कुछ अपुष्ट वीडियो में प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक बैनर पकड़े नजर आए। रिपोर्ट में कहा गया कि वीडियो में लोग एक-दूसरे पर घूंसे बरसाते और डंडों से हमला करते हुए नजर आ रहे हैं। यह घटना हिंदू सभा मंदिर के आसपास के मैदान में होती प्रतीत हो रही है।
पील रीजनल पुलिस ने पुष्टि की कि उसने खालिस्तान समर्थक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया। एक प्रवक्ता ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से हम अवगत हैं। इसमें ऑफ-ड्यूटी पील पुलिस अफसर को प्रदर्शन में शामिल दिखाया गया है। इस अधिकारी को सामुदायिक सुरक्षा और पुलिस अधिनियम के अनुसार निलंबित कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि वीडियो में दर्शाई गई परिस्थितियों की जांच की जा रही है और जब तक यह जांच पूरी नहीं हो जाती, हम आगे की जानकारी नहीं दे सकते हैं।
भारत ने इसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस संबंध में एक्स पोस्ट करते हुए उम्मीद जताई कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन कायम रखेगी। मोदी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगे।’