आतिशी के नाम का ऐलान, फिर केजरीवाल का इस्तीफा.लेकिन ताजपोशी से पहले LG से राष्ट्रपति तक का रोल अभी है बाकी!

दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. AAP नेता आतिशी को आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में नया नेता चुन लिया गया है. मंगलवार को AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर विधायकों की रायशुमारी हुई और फिर केजरीवाल ने खुद आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा और मनीष सिसोदिया ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया. अब शाम 4.30 बजे केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा देंगे और उपराज्यपाल को सौंपेंगे. उसके बाद आतिशी के नेतृत्व में नई सरकार का दावा पेश किया जाएगा.

AAP नेताओं का कहना है कि आज ही नई सरकार के लिए दावेदारी की जाएगी. केजरीवाल के साथ AAP विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाएगा. पार्टी हाईकमान चाहता है कि विधानसभा सत्र से पहले नई सरकार का गठन हो जाए. आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी और शुरुआत में सरकार में दो विधायक शामिल होंगे और मंत्री पद की शपथ लेंगे. 26 और 27 सितंबर को विधानसभा सत्र बुलाया जाना है. इस सत्र को आतिशी ही संबोधित करेंगी, इसके लिए तैयारी की जा रही है. हालांकि, पूरी प्रक्रिया में वक्त लग सकता है, क्योंकि इस्तीफे से लेकर नई सरकार गठन की प्रकिया में राष्ट्रपति की मंजूरी भी जरूरी है.

नई सरकार के गठन में उपराज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति कार्यालय का भी बड़ा रोल है. दरअसल, नए सीएम के बनने से नए सिरे से कैबिनेट का गठन होगा. सबसे पहले केजरीवाल अपना इस्तीफा उपराज्यपाल को सौंपेंगे. LG की तरफ से मंजूरी दी जाएगी और उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उसके बाद राष्ट्रपति भी इस्तीफा को मंजूर करेंगी. 

इसी तरह, नई सरकार की प्रक्रिया पूरी होगी. विधायक दल का नया नेता अपने सदस्यों के साथ उपराज्यपाल से मिलेगा और नई सरकार बनाने का दावा पेश करेगा. पहले उपराज्यपाल सहमति देंगे. उसके बाद आखिरी मुहर राष्ट्रपति की लगेगी. अंत में मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण होगा. माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में वक्त लग सकता है.

AAP नेता आतिशी का कहना है कि दिल्ली में सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री हैं. वो अरविंद केजरीवाल हैं. फिलहाल, दिल्ली को 11 वर्षों के बाद नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में बस कुछ ही महीने बचे हैं.

यह दूसरी बार है, जब केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने फरवरी 2014 में सीएम पद से इस्तीफा दिया था. केजरीवाल पहली बार दिसंबर 2013 में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी और 49 दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था. 2013 के चुनाव में AAP ने 28 सीटें जीती थीं. जबकि 31 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं.

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