बालोद :- भाजपा सरकार की सुशासन तिहार के तहत पंचायत सहित नगरीय निकाय में लिए जा रहे आवेदनों के अंतिम दिन भी लोगों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर आवेदन दिए।
इस क्रम में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी एक आवेदन सामने आया है। जहां कुछ महीने पहले बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की घटना सुर्खियों में रही थी।
जिससे पूरे पत्रकार जगत में आक्रोश के साथ एक सुरक्षा को लेकर दहशत बना हुआ है। सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून के सिर्फ वादे करती रही है लेकिन उसे धरातल पर अमल में सही तरीके से आज तक नहीं ला पाई है। जिसके चलते चौथे स्तंभ मीडिया कर्मियों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अब ऐसा ही कुछ मामला जगन्नाथपुर में सामने आया है। जहां पर पत्रकार दीपक यादव ने सुशासन तिहार के जरिए पुलिस विभाग के नाम से आवेदन देते हुए कहा है कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कर मीडिया की स्वतंत्रता को बहाल की जाए।
अपने आवेदन में उन्होंने बताया है कि वह 2007 से पत्रकारिता कर रहे हैं। वर्तमान में एक मीडिया संस्थान के संपादक भी है। उनके द्वारा समय-समय पर सामाजिक बुराई जैसे अवैध शराब बिक्री सहित अन्य मुद्दों को लेकर खबर प्रकाशित की जाती रही है।
लेकिन जगन्नाथपुर के ही कई शराब कोचियों और उनके समर्थकों द्वारा खबर प्रशासन पर व्यक्तिगत रंजिश रखते हुए उन्हें और उनके परिवार वालों को अक्सर धमकी दी जाती है तथा कथित ग्राम के कुछ प्रमुख लोगों द्वारा भी उन्हें चेतावनी दी जाती है कि गांव में रहना है तो किसी के खिलाफ कोई न्यूज़ मत छापा करो। इस तरह मीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है।
जिससे उन्हें अपनी पत्रकारिता में हमेशा जान का खतरा बना रहता है। उन्होंने आवेदन में इस बात का उल्लेख किया है कि अगर बालोद पुलिस द्वारा किसी पर भी कोई अवैध कार्य या अपराध के चलते गिरफ्तारी होती है तो उस पर भी पत्रकार को ही मुखबिरी और मीडिया में देने के कारण कार्रवाई हुई है कहकर आरोप लगाते हुए दुश्मनी की जाती है। जिससे लगातार उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है और वे स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने इस आवेदन के जरिए स्वयं के साथ पूरे छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए सुरक्षा प्रदान करने की मांग भाजपा सरकार के मुखिया विष्णुदेव साय से की है।
शराब दुकान खोले जाने की तैयारी को लेकर भी कहा: भट्टी खुली तो बढ़ेंगे अपराध, पुलिस चौकी भी खुलना चाहिए
वही मीडिया कर्मी दीपक यादव द्वारा इस सुशासन तिहार के दौरान जगन्नाथपुर में प्रस्तावित शराब दुकान को लेकर भी आवेदन दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जगन्नाथपुर में बढ़ते अपराधों और आसामाजिक तत्वों के उत्पात से राहत दिलाने के लिए शराब दुकान से ज्यादा जरूरी “पुलिस चौकी” खोलना है।
उन्होंने कहा कि गांव में चर्चा है कि कई लोग यहां शराब दुकान खुलवाने का प्रयास कर रहें। कई लोगों से आवेदन पर हस्ताक्षर भी करवाए गए हैं। शराब दुकान खुलने से नशाखोरी और अपराध बढ़ने की आशंका भी रहेगी। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारे गांव में करीब 5 साल से अवैध शराब बिक्री जारी है। पुलिस द्वारा समय-समय पर कार्रवाई के बावजूद इस पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लग पाया है।
शराब के साथ-साथ अब गांजा की बिक्री भी शुरू हो चुकी है। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए ग्राम जगन्नाथपुर में जल्द से जल्द पुलिस चौकी खोला जाए ताकि गांव की शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे और अपराधों पर अंकुश हो।
शराबबंदी के बजाय शराब दुकानों की संख्या बढ़ा रही सरकार
उन्होंने सवाल भी उठाया है कि कोई भी सरकार अब तक छत्तीसगढ़ में शराब बंदी नहीं कर पाई है। उल्टा अतिरिक्त शराब दुकान खोली जा रही है। शराब भी अब प्रति व्यक्ति 24 पौवा दिया जा रहा है। जिससे लगातार युवा नशे की गिरफ्तार में आ रहे हैं और अपराधों की ओर भी जा रहे हैं। गांव में बहू बेटियां सुरक्षित नहीं है। घरेलू हिंसा भी बढ़ रहे हैं। अतः मांग पर गौर करते हुए जल्द पुलिस चौकी स्थापित किया जाए।