बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: 19 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे शूटर शिवकुमार सहित 5 आरोपी

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में गिरफ्तार किए गए मेन शूटर शिवकुमार सहित पांच आरोपियों को 19 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. सभी आरोपियों को यूपी से ट्रांजिट रिमांड पर लाकर मुंबई की एक कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजा गया है.

यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच ने रविवार को मेन शूटर शिवकुमार (20) और उसके चार साथियों को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार किया था. इनमें अन्य आरोपियों अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह का नाम शामिल है.

इन चारों आरोपियों ने शूटर शिवकुमार को शरण दिया था और उसे नेपाल भागने में मदद कर रहे थे. मुंबई क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद पाटिल के समक्ष पेश किया. इस मामले की आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत मांगी, जिसे मंजूर कर लिया गया.

पुलिस ने हत्याकांड के सिलसिले में अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. शूटर शिवकुमार गौतम बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव का निवासी है. वो कुछ साल पहले मजदूरी करने महाराष्ट्र गया था. इस साल अप्रैल में उसने आरोपी धर्मराज कश्यप को काम करने के लिए बुलाया था.

पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी शिवकुमार ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं. वो पुणे में स्क्रैप का काम करता था. शुभम लोनकर और उसकी दुकान आसपास थी. शुभम लंबे समय से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम कर रहा है. 

शुभम ने स्नैप चैट के जरिए उसके भाई अनमोल बिश्नोई से बात कराई थी. उसने बाबा सिद्दीकी की हत्या के एवज में 10 लाख के साथ हर महीने कुछ रुपए देने का वादा किया था. बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए हथियार, मोबाइल फोन और सिम शुभम लोनकर और मो. यासीन अख्तर ने दिया था. 

वारदात को अंजान देने के बाद आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नए सिम और मोबाइल फोन दिए गए थे. उन तीनों ने कई दिनों तक मुंबई में बाबा की रेकी करने के बाद 12 अक्टूबर की रात उनकी हत्या कर दी. त्योहार होने के कारण पुलिस और भीड़ थी, जिसके कारण दो शूटर पकड़ लिए गए.

लेकिन शिवकुमार वहां से फरार हो गया. उसने अपना फोन रास्ते में फेंक दिया और पुणे चला गया. वहां से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंच गया था. रास्ते में वो लोगों के फोन मांगकर अपने साथियों और हैंडलर से बात करते रहा. उसी समय उसे पता चला कि उसके नेपाल जाने की व्यवस्था कर दी गई है. 

लेकिन फरार होने से पहले सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. शिवकुमार के खुलासे और मुंबई क्राइम ब्रांच की अब तक की जांच में ये बात तो साफ हो गई है कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस का असली मास्टरमाइंड लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई ही है. उसके इशारे पर ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. 

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