बस्तर, छत्तीसगढ़ के बस्तर के घने जंगलों में सालों से बंदूक की गूंज सुनाने वाले 28 नक्सली अब शांति की राह पर चल पड़े हैं। मंगलवार को नारायणपुर में पुलिस के सामने सरेंडर करते हुए इन माओवादियों ने हथियार डाल दिए। सबसे चौंकाने वाली बात – इनमें कुख्यात कुटुल एरिया कमेटी का डिविजनल कमेटी मेंबर (DVC) दिनेश पांडेय भी शामिल है, जो लंबे समय से सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में था।
19 महिला नक्सली भी लौटीं घर
इन 28 सरेंडर करने वालों में 19 महिलाएं भी हैं। इन सबके सिर पर कुल 89 लाख रुपये का इनाम था। साथ ही इन्होंने 6 हथियार भी जमा किए। इसमें एक SLR, एक इंसास, एक .303 राइफल और तीन 12 बोर की बंदूकें शामिल हैं।
कौन-कौन थे ये सरेंडर करने वाले?
IG बस्तर पी. सुंदरराज ने बताया, “अभुजमाड़ डिवीजन के मेंबर, पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के सैन्य सदस्य, टेक्निकल टीम और माओवादी पार्टी का पूरा मिलिट्री प्लाटून सबने हथियार डाल दिए। अब इनका एक ही रास्ता है हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में आना। हम इनके पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।”
अब गांवों तक पहुंच रहा विकास
सरेंडर सेरेमनी में मौजूद नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने खुशी जताते हुए कहा, “पहले कई इलाके ऐसे थे जहां प्रशासन का पैर भी नहीं पड़ता था। अब नक्सलियों के सरेंडर और पुलिस कैंपों की वजह से हम उन गांवों तक पहुंच रहे हैं। नियाद नेल्लानार योजना के तहत अब तक 67 गांव जुड़ चुके हैं। 10 किलोमीटर के दायरे में हर घर का सर्वे कर रहे हैं। आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, पीएम आवास योजना, सड़क, बिजली, पानी सब कुछ पहुंचा रहे हैं।”
नक्सलवाद पर लगातार लग रहे ब्रेक
पिछले कुछ हफ्तों में नक्सलियों को लगातार झटके लग रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में कुख्यात माओवादी कमांडर मद्वी हिडमा को आंध्र प्रदेश में मार गिराया गया था। हिडमा पर 26 से ज्यादा बड़े हमले करवाने का आरोप था। उसके साथ उसकी पत्नी राजे और अन्य साथी भी मारे गए। दूसरी तरफ, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ में चल रहे ऑपरेशन में मध्य प्रदेश की हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए।