कौन से 7 सुरक्षा बलों से मिलकर बना है CAPF, जिसमें होगी पूर्व अग्निवीरों की एंट्री?

अग्निवीरों को लेकर बड़ी खबर है. अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (Central Armed Police Forces) में पूर्व अग्निवीरों की भर्ती होगी. केंद्र सरकार ने तय किया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों यानी CAPF में 10 फीसदी पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित किए जाएंगे. इस फैसले को लागू करते ही BSF, CRPF और SSB की तरफ से बयान जारी किया गया है, जिसमें साफतौर पर 10 फीसदी आरक्षण की बात के साथ इनकी भर्ती को लेकर तैयारी पूरी होने की बात कही गई है.

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल 7 तरह के सुरक्षा बलों से मिलकर बना है, इनमें पूर्व अग्निवीरों 10 फीसदी आरक्षण मिलने से देश के इन 7 सुरक्षा बलों में इन्हें एंट्री मिलेगी. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल गृह मंत्रालय के तहत काम करता है. जानिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में कौन-कौन सी फोर्स शामिल हैं, इनका लक्ष्य क्या है और क्या कहता है इनका इतिहास?

1- असम राइफल्स (एआर)

असम राइफल्स की स्थापना 1835 में एक मिलिशिया के रूप में हुई थी, जिन्हें ‘कछार लेवी’ के नाम से जाना जाता था. असम राइफल्स का उद्देश्य मुख्य रूप से ब्रिटिश चाय बागानों की देखभाल और उनकी बस्तियों को आदिवासी हमलों से बचाना था. स्वतंत्रता के बाद असम राइफल्स की भूमिका बदलती रही, जिसमें 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान पारंपरिक लड़ाकू भूमिका से लेकर, भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) के भाग के रूप में विदेशी भूमि पर कार्य करने से लेकर 1987 में श्रीलंका में (ऑपरेशन पवन) और भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में शांति स्थापना में इनकी खास भूमिका रही है. अब इनका उद्देश्य में उत्तर-पूर्व क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना है. इसके साथ ही भारत-चीन और भारत-म्यांमार की सीमा को सुरक्षित रखना है.

2- सीमा सुरक्षा बल (BSF)

BSF यानी सीमा सुरक्षा बल की नींव 1 दिसंबर, 1965 को पड़ी. यह एक अर्धसैनिक बल है, जिसका काम पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा करना है. बीएसएफ में एयर विंग, मैरीन विंग, आर्टिलरी रेजिमेंट और कमांडो इकाइयां हैं. यह वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है. बीएसएफ को भारतीय क्षेत्रों की रक्षा की पहली पंक्ति कहा जाता है.

3- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)

CISF की स्थापना 1969 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को सुरक्षा देने के लिए तीन बटालियनों के साथ शुरू हुई थी. यह देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसी बन गई है, जिसका काम देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सुरक्षा प्रदान करना है. वर्तमान में CISF परमाणु प्रतिष्ठानों, अंतरिक्ष प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, बिजली संयंत्रों, संवेदनशील सरकारी भवनों और विरासत स्मारकों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है. इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, वीआईपी सुरक्षा, आपदा प्रबंधन में सुरक्षा और मदद के जरिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

4- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया. 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर यह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी CRPF बन गया. सरकारी शासन, सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अहम रोल अदा करता है. इस सुरक्षा बल का काम भीड़ और दंगा नियंत्रित करना है. इसके अलावा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना. उग्रवाद रोकना, जंग के हालात में दुश्मन से लड़ना और प्राकृतिक आपदाओं बचाव और राहत कार्यों में हिस्सा लेना है.

5- भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)

आईटीबीपी की स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को हुई थी. वर्तमान में आईटीबीपी लद्दाख में कराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात है. भारत-चीन सीमा के पश्चिमी, मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में सीमा चौकियों पर इनकी तैनाती है. आईटीबीपी एक विशेष पर्वतीय बल है और इसके अधिकांश अधिकारी और जवान पेशेवर रूप से प्रशिक्षित पर्वतारोही और स्कीयर हैं. प्राकृतिक आपदाओं के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले बल के रूप में, आईटीबीपी देश भर में कई बचाव और राहत अभियान चलाता है.

6- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) एक आतंकवाद विरोधी यूनिट है. 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद “आंतरिक अशांति के खिलाफ राज्यों की रक्षा करने और आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की स्थापना की गई थी. एनएसजी औपचारिक रूप से 1986 में संसद के एक अधिनियम द्वारा अस्तित्व में आया. इनका लक्ष्य है त्वरित हमला करना तथा कार्रवाई के क्षेत्र से तुरंत वापस लौट जाना. देश के किसी भी हिस्से में आतंकवाद के सभी पहलुओं से निपटने की इनकी खास भूमिका रही है.

7- सशस्त्र सीमा बल (SSB)

विशेष सेवा ब्यूरो (अब सशस्त्र सीमा बल) का गठन मार्च 1963 में किया गया. इसका एकमात्र उद्देश्य युद्ध की स्थिति में सुरक्षा देना है. एसएसबी अब उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फैली हुई है. इनका काम सीमा पार अपराध, तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकना है. भारत में अनाधिकृत प्रवेश या निकास पर रोक लगाना और आतंक रोधी अभियान में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है.

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