कार ड्राइविंग के दौरान एयर कंडिशन (AC) का इस्तेमाल बहुत ही सामान्य बात है. लेकिन कुछ ख़ास परिस्थितियों में AC का इस्तेमाल जानलेवा भी साबित हो सकता है. ताजा मामला देहरादून में देखने को मिला है. जहां खड़ी कार में एक महिला और पुरुष मृत अवस्था में पाए गए. बताया जा रहा है कि दोनों रोड साइड खड़ी कार में AC ऑन कर सो रहे थें और एसी गैस और टेंप्रेचर के चलते उनकी जान चली गई.
यह घटना देहरादून के राजपुर क्षेत्र की है. पुलिस को कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना मिली कि देहरादून के नागल वाली रोड पर एक वैगन आर खड़ी है, जिसमें एक महिला व पुरुष अचेत अवस्था मे पड़े हैं. सूचना पाकर मौके पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो महिला और पुरुष दोनों मृत अवस्था में पड़े थें. शुरुआती जांच में सामने आया कि दोनों अक्सर शराब का सेवन करते थे. घटना के समय गाड़ी का इग्निशन ऑन था. संभवत: रात में गाड़ी का एसी लगातार ऑन रहने के चलते गैस और तापमान के प्रभाव की वजह से दोनों की मौत हुई. पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
ऐसा पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई है. इसी साल जून में गाजियाबाद में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था. उस वक्त प्रहलाद गढ़ी में ट्रैफिक सिग्नल के पास एक 36 वर्षीय कैब ड्राइवर अपनी वैगनआर कार में मृत पाया गया था. पुलिस का कहना था कि साहिबाबाद निवासी कैब चालक कल्लू दुबे की मौत दम घुटने से हुई थी. वो नशे की हालत में अपनी कार में AC ऑन कर के सो गया था. पूरी रात एसी ऑन रहने के कारण केबिन में गैस भर गई जिससे दम घुटने से कैब चालक की मौत हो गई.
साल 2020 में नोएडा में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. उस दौरान भी एक 30 वर्षीय व्यक्ति नशे की हालत में अपनी कार को बेसमेंट की पार्किंग में खड़ी कर AC ऑन कर सो गया था. इस मामले में भी पुलिस ने मौत का कारण कार के भीतर गैस और टेंप्रेचर को ही बताया था. इसके अलावा चेन्नई में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी.
आमतौर पर देखा जाता है कि बहुतायत लोग कार खड़ी कर और एयर कंडिशन ऑन कर सोते हैं. AC चलने के कारण लोग सभी विंडो को बंद रखते हैं ऐसी स्थिति में कार के केबिन में गैस इकट्ठा होना सामान्य बात है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये जानलेवा गैस केबिन के भीतर आती कैसे है. कार के इंजन से निकलने वाली ज़हरीली गैसों मुख्य रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण कार में बैठे लोगों का दम घुट सकता है. यह गैस एसी वेंट द्वारा वाहन के केबिन में आ जाती है.
यदि कार में बैठा व्यक्ति नींद में हो तो उसे पता भी नहीं चलता है और कार्बन मोनोऑक्साइड आपके रक्त में ऑक्सीजन की जगह ले लेता है. जिससे धीरे-धीरे ‘दम घुटने’ की वजह से व्यक्ति की मौत हो जाती है. एक्सपर्ट का कहना है कि, जब किसी व्यक्ति के शरीर में भारी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड भर जाता है, तो इससे उसकी तेज़ी से मौत हो सकती है, क्योंकि रक्त कोशिकाओं से अचानक ऑक्सीजन खत्म हो जाता है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि शरीर की हर कोशिका को काम करने के लिए ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है. जब व्यक्ति कार्बन मोनोऑक्साइड के संपर्क में आता है तो हीमोग्लोबिन में मौजूद ऑक्सीजन कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन में बदल जाती है जो कोशिकाओं को बेकार कर देती है और ऊतकों (Tissues) के कामकाज को रोक देती है. इस स्थिति को हाइपोक्सिया के रूप में जाना जाता है जिससे व्यक्ति को तेज़ सिरदर्द, चक्कर आना और भ्रम की स्थिति हो सकती है.
लेकिन ये इफेक्ट्स तभी दिखेंगे जब व्यक्ति जाग रहा हो और होश में हो. यदि ऐसी स्थिति बनती है तो वह जल्दी से कार से बाहर निकलकर मौत से बच सकता है. लेकिन, जब वह सो रहा होता है या शराब के नशे में होता है तो उसे एहसास नहीं होता कि एक साइलेंट प्वाइजन उसके शरीर में दाखिल हो रहा है जो उसे एक खामोश मौत दे सकता है.
ड्रिंक एंड ड्राइविंग हमेशा से ही खतरनाक होती है, इससे दुर्घटना की संभावना काफी बढ़ जाती है. ये पूरी तरह से गैर-कानूनी भी है और इसके लिए हैवी पेनाल्टी और सजा का भी प्रावधान है. लेकिन नशे की हालत में कार के विंडो बंद कर AC ऑन कर सोना भी कम खतरनाक नहीं है. कई बार देखा गया है कि, लोग नशे की हालत में कार में सो जाते हैं. किसी अनहोनी या कार में रखा सामान चोरी होने के डर से लोग कार के विंडो को पूरी तरह से बंद कर देते हैं. यही वो भयावह स्थिति बनती है जब AC वेंटस के रास्ते कार केबिन में दाखिल होने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड मौत का कारण बनती है.
सबसे पहले तो जान लें खड़ी कार में सोना किसी भी हालत में सुरक्षित नहीं होता है. लेकिन यदि कोई आपात स्थिति बन जाती है और आपको कार में ही सोना पड़ता है तो कार के विंडो को पूरी तरह से बंद न करें. ताकि कार के केबिन की गैस बाहर निकलती रहे और ऑक्सीजन अंदर आता रहे. नशे की हालत में कभी भी कार में न सोएं, क्योंकि ये सबसे भयावह स्थिति होती है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि लोग नशे की हालत में ही मौत का शिकार हुए हैं. यदि वो होश में होते तो दम घुटने की स्थिति में जग सकते थें जिनसे उनकी जान बच सकती थी.