केसों पर बात नहीं होती; PM मोदी के गणेश पूजा में आने पर बोले चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

गणेश पूजा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के घर आने को लेकर उठे सवालों पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने काफी दिनों बाद जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकों में न्यायिक मामलों पर चर्चा नहीं की जाती। मुंबई में एक आयोजन के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसी मुलाकातों के मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालयों के चीफ जस्टिस नियमित तौर पर मुलाकात करते हैं। उन्होंने कहा, ‘आखिर लोग इन बैठकों के बारें में क्यों सोचते हैं। हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था की यह परिपक्वता है कि राजनीतिक वर्ग में भी न्यायपालिका का सम्मान है। न्यायपालिका का बजट सरकार देती है, लेकिन यह जजों के लिए नहीं होता।’

चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें कोर्ट के लिए नई इमारतों की जरूरत होती है। जिला अदालतों के जजों के लिए आवास की जरूरत होती है। इसलिए चीफ मिनिस्टर और हाई कोर्ट्स के चीफ जस्टिस मिलते हैं। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि मैंने तो इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया है। उन्होंने कहा, ‘चीफ जस्टिस जब नियुक्त होते हैं तो वह सीएम के आवास जाते हैं। इसके बाद चीफ मिनिस्टर मुख्य न्यायाधीश के घर आता है। इन मीटिंगों का एजेंडा तय होता है। इनमें यह बात होती है कि आखिर जो इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स तय हैं, उन पर क्या हो रहा है। कितना बजट है और क्या प्रोग्रेस है। क्या इसके लिए नहीं मिलना चाहिए। यदि ये काम लेटरों को लिखकर किया जाए तो फिर कोई चीज कभी पूरी नहीं होगी।’

चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत की राजनीतिक व्यवस्था में काफी परिपक्वता है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में कभी कोई मुख्यमंत्री चीफ जस्टिस से किसी लंबित केस के बारे में नहीं पूछता। 14 अगस्त और 26 जनवरी को चीफ जस्टिस की मुख्यमंत्री से मुलाकात होती है। इसमें न्यायिक व्यवस्था पर कोई बात नहीं होती। इस पर लोग कहते हैं कि क्या डील हो रही है। यह तो सीधे-सीधे डायलॉग का हिस्सा है। दरअसल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर आयोजित गणेश पूजा में पीएम नरेंद्र मोदी पहुंच गए थे, जिसे लेकर कुछ लोगों ने सवाल उठाए थे। माना जा रहा है कि इसी को लेकर चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की है।

उद्धव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना था कि चीफ जस्टिस को अब हमारे केस से अलग हट जाना चाहिए। राउत ने कहा था, ‘यह गणपति पूजा है। आखिर कितने लोगों के घरों पर पीएम मोदी जाते हैं? मुझे जानकारी नहीं है। गणेश पूजा दिल्ली में कई जगहों पर होती है, लेकिन पीएम मोदी चीफ जस्टिस के यहां ही जाते हैं। इसके बाद दोनों साथ में आरती करते हैं। इस तरह जब संविधान के रक्षक राजनीतिक लोगों से मिलते हैं तो फिर संदेह की स्थिति पैदा होती है।’

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