शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष लोक अदालत के स्मरणोत्सव को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक राज खोलते हुए कहा कि भारत सरकार के एक बहुत ही वरिष्ठ सचिव और पूर्व सिविल सेवक ने कहा था कि उन्हें कभी नहीं पता था कि सर्वोच्च न्यायालय इतने छोटे मामलों का भी निपटारा करवाता है, क्योंकि हम सुप्रीम कोर्ट को सभी बड़े मामलों से निपटते हुए देखने के आदी हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ”बहुत से लोग इस बात से वंचित रह जाते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय में हम किस तरह के छोटे-छोटे काम करते हैं। जब बीआर अंबेडकर जैसे दिग्गजों ने संविधान बनाया था, तो उन्होंने इसे एक मिशन के साथ बनाया था। यह एक ऐसा न्यायालय था जिसकी स्थापना एक गरीब समाज में की जा रही थी, जहां न्याय तक पहुंच का अभाव था। इस संस्था की स्थापना के पीछे विचार यह था। यह एक ऐसा न्यायालय होगा जो आम नागरिकों के जीवन तक पहुंचेगा। लोक अदालत का उद्देश्य लोगों के घरों तक न्याय पहुंचाना है।”
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में कहा कि इस लोक अदालत को डिजाइन करने के प्रयास में हमें हर फेज में जबरदस्त सहयोग मिला। हमने सुनिश्चित किया कि हर पैनल में दो जज और बार के दो सदस्य शामिल होंगे। एक वरिष्ठ एडवोकेट और एससीएओआरए से एक एडवोकेट। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भले ही सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में स्थित हो, लेकिन यह भारत का सर्वोच्च न्यायालय है। हमने पूरे देश से अधिकारियों को रजिस्ट्री में भर्ती किया है और वे भारत भर में जीवन और समाज के बारे में विविधता और समावेश और ज्ञान लाते हैं।