सोशल मीडिया पर इन दिनों इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि आर्मी चीफ का कहना है साल 2028 तक भारतीय सेना में गैर-हिंदू सैनिकों की संख्या आधी कर दी जाएगी।
वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सेना सिर्फ हिंदुओं के लिए होनी चाहिए और जो सैनिक हिंदू धर्म को नहीं अपनाते, उन्हें बाहर किया जाएगा।
कई यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि सेना में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की योजना बनाई जा रही है। X पर एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा- भारत में हिंदुत्व आखिरकार अपने “एक राष्ट्र, एक जाति” के सपने को ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। 2028 तक सेना में गैर-जाति हिंदुओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा क्योंकि अब देशभक्ति के साथ गोत्र का प्रमाण पत्र भी जुड़ा है।
वायरल वीडियो में आर्मी चीफ के बोले गए बयान को हमने को हमने इंटरनेट पर सर्च किया। इस बयान से जुड़ी कोई खबर हमें किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं मिली।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम रिवर्स सर्च पर हमें इसका असली वीडियो ANI न्यूज एजेंसी के पोस्ट में मिला। आर्मी चीफ का रियल वीडियो ANI ने 1 नवंबर को पोस्ट था। इस वीडियो में जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीखों, आत्मविश्वास, साहस और सहयोग जैसे मुद्दों पर बात की थी। धर्म या जाति से जुड़े किसी भी विवादित मुद्दे पर उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा था।
वायरल वीडियो AI जनरेटेड है
वायरल वीडियो AI जनरेटेड है। इस वीडियो को हमने AI डिटेक्शन टूल पर सर्च किया। सर्च करने पर हमें पता चला कि वायरल वीडियो में AI से फेक ऑडियो लगाया गया है। इससे साफ हो गया कि वायरल क्लिप असली नहीं बल्कि तकनीक से छेड़छाड़ करके बनाई गई है।
पड़ताल से साफ है कि जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। भारतीय सेना में धार्मिक या जातीय आधार पर सैनिकों की संख्या घटाने या किसी धर्म को अपनाने का दबाव डालने जैसी कोई नीति नहीं है। वायरल वीडियो AI जनरेटेड यानी डीपफेक है।