शांभवी चौधरी। एक नाम, कई पहचान। सबसे कम उम्र की सांसदों में शामिल एक एमपी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बहुत करीबी मंत्री अशोक चौधरी की बेटी। भारतीय पुलिस सेवा के रिटायर्ड अफसर और महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल की पतोहू। शांभवी के एक इंटरव्यू का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें समस्तीपुर एमपी कह रही हैं कि संसद में उनके द्वारा समस्तीपुर की बात रखने से लोगों को पता चला कि समस्तीपुर बिहार के मैप में कहां है, पहले लोगों को पता नहीं था कि समस्तीपुर नक्शे में कहां है। अपने पिता अशोक चौधरी के साए में राजनीति में आईं शांभवी, उनकी ही वजह से सबकी नजरों में चढ़ी रहती हैं।
शांभवी चौधरी के बयान पर बवाल होना तय था। सोशल मीडिया पर लोग भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर, उपन्यासकार देवकीनंद खत्री, पूसा के कृषि विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र गिनाकर बता रहे हैं कि शांभवी के सांसद बनने से पहले समस्तीपुर को दुनिया जानती थी। लाइव हिन्दुस्तान ने शांभवी से वायरल वीडियो पर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उनके बयान का बिना संदर्भ के एक छोटा हिस्सा काटकर गलत तरह से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब से वो राजनीति में आई हैं, तब से उनके खिलाफ ऐसी कोशिशें चल रही है। शांभवी ने कहा कि जब वो चुनाव लड़ने के लिए समस्तीपुर गईं तो वहां बाहरी का मुद्दा उठाया गया और वो कोशिश आज भी चल रही है।
शांभवी ने इंटरव्यू का वो पूरा हिस्सा उपलब्ध कराया है जिससे ये बयान काटकर निकाला गया है। इसमें इंटरव्यू लेने वाला पूछता है कि जो विकास मुजफ्फरपुर में हुआ, दरभंगा में हुआ, समस्तीपुर में क्यों नहीं हुआ। इस पर शांभवी कहती हैं- “पहले के सांसदों की गैरहाजिरी इसका एक कारण हो सकती है। अभी भी जिस तरह से लोग पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया के बारे में बात करते हैं, समस्तीपुर के बारे में उतनी बात नहीं करते हैं। समस्तीपुर में बहुत संभावना है। लेकिन उसको देखने का नजरिया चाहिए। सब कहते हैं कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है लेकिन आपको कृषि आधारित उद्योग विकसित करने से किसने मना किया है। जो युवा की ऊर्जा है यहां पर, उसे सही तरीके से इस्तेमाल करने से किसने मना किया है.”
शांभवी इसी में आगे कहती हैं, “दरअसल जब अब हम संसद जाते हैं, समस्तीपुर के बारे में बात करते हैं, समस्तीपुर की बात रखते हैं तो लोगों को असल में पता चल रहा है कि समस्तीपुर कहां है बिहार के मैप पर। इससे पहले लोगों को पता भी नहीं था कि समस्तीपुर मैप पर कहां है। वहां पर विकास क्यों नहीं हुआ। इसके बहुत कारण हो सकते हैं। मेरी जवाबदेही और प्राथमिकता ये है कि आने वाले समय में समस्तीपुर का विकास होना चाहिए। समस्तीपुर की जितनी भी बातों को सदन में रखना है, वो मजबूती से रखना चाहिए।” उन्होंने कहा कि समस्तीपुर में नेतृत्व की कमी है। लोगों को पता ही नहीं है कि समस्या लेकर जाएं तो किसके पास जाएं। लोगों की समस्याएं बिजली, पानी, नाली जैसी छोटी-छोटी चीजें हैं।