ED की बड़ी कार्रवाई: कोयला लेवी और शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में छापे, बरामद हुए कई दस्तावेज

रायपुर, छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ईओडब्ल्यू/एसीबी) ने पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए कथित कोयला लेवी और शराब घोटालों के सिलसिले में कई जगहों पर रविवार को छापे मारे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शराब ‘घोटाले’ की जांच के तहत छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में व्यवसायी अवधेश यादव और उसके सहयोगियों से कथित तौर पर जुड़े 7 ठिकानों पर तलाशी ली गई।

अधिकारी ने बताया कि इन 7 ठिकानों में छत्तीसगढ़ में 3 और बिहार-झारखंड में दो-दो ठिकाने शामिल हैं। छापेमारी में मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संपत्ति के दस्तावेज और कैश जब्त किया गया। संदिग्धों/आरोपियों से पूछताछ जारी है। जांच टीम बरामद साक्ष्यों की छानबीन कर रही है।

अधिकारी ने बताया कि कथित कोयला लेवी घोटाले में रायपुर और जांजगीर-चांपा जिले में जयचंद कोशेले के आवासों पर छापेमारी की गई। कोशेले मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया का कथित तौर पर एक प्रमुख सहयोगी है। उस पर लेवी के माध्यम से अवैध रूप से जमा किए गए लगभग 50 करोड़ रुपये के वितरण का आरोप है।

अधिकारी ने बताया कि छापे में महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आदि मिले। बता दें कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू/एसीबी ने कथित कोयला लेवी और शराब घोटालों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी की शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। यह कदम 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के हराने के एक महीने बाद उठाया गया था।

कोयला लेवी घोटाले की प्राथमिकी में 35 आरोपी नामजद हैं। इन आरोपियों में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कामरो, चंद्रदेव प्रसाद राय, शिशुपाल सोरी और बिरहस्पत सिंह, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी समीर बिश्नोई और रानू साहू के साथ-साथ सीएमओ में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया शामिल हैं।

ईओडब्ल्यू/एसीबी ने इस मामले में अब तक एक आरोपपत्र और चार पूरक आरोपपत्र दायर किए हैं जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले की एफआईआर में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड समेत 70 लोगों और कंपनियों के नाम हैं। ईडी ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व मंत्री कवासी लखमा, व्यवसायी अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।

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