इजरायल-ईरान के बीच तनाव, रूस और यूक्रेन में चल रहे भीषण युद्ध से दुनिया के कई देश विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया में लगातार सामने आ रही भयानक तस्वीर को लेकर चिंता जताई। उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच ढाई साल से युद्ध चल रहा है। इस बीच मध्य पूर्व, दक्षिण-पूर्व एशिया में सैन्य तनाव, आर्थिक चुनौतियां और जलवायु परिवर्तन की घटनाएं बेहद खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच या दस साल बेहद कठिन होने वाले हैं। जयशंकर ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव पर कहा कि नवंबर में होने वाले चुनाव में जो भी जीतेगा, भारत की नरेंद्र मोदी सरकार उनके साथ काम करने को तैयार है।
मंगलवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री से पूछा गया कि आप दुनिया में हो रही घटनाओं को लेकर भविष्य में किस तरह से देखते हैं? जवाब में जयशंकर ने कहा, “मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं और आम तौर पर समस्याओं के समाधान के बारे में सोचता हूं, न कि उन समस्याओं के बारे में जो समाधान से उत्पन्न होती हैं। लेकिन मैं बहुत गंभीरता से कहूंगा कि हम बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं।”
जयशंकर ने आगे कहा, “मेरे पास अगले पांच वर्षों के लिए बहुत ही गंभीर पूर्वानुमान है। आप मध्य पूर्व में, यूक्रेन में, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया में हो रहा देख रहे हैं। इसके अलावा कोविड का प्रभाव अभी भी जारी है। हम लोग जो कोरोना के उस भयावह दौर से सुरक्षित निकल आए हैं, अब इसे हल्के में ले रहे हैं।”
जयशंकर ने कहा, “आप दुनिया में जिस तरह की आर्थिक चुनौतियां देख रहे हैं। उससे कहीं अधिक देश संघर्ष कर रहे हैं। व्यापार कठिन हो रहा है, विदेशी मुद्रा की कमी है।” उन्होंने गाजा में हो रहे संघर्ष और ईरान समर्थित हूती मिलिशिया द्वारा लाल सागर में कमर्शियल जहाजों में लगातार लूट की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। जयशंकर ने कहा, “लाल सागर में जो कुछ हो रहा है और जलवायु संबंधी घटनाएं… अब केवल न्यूज नहीं रह गई हैं… उनके वैश्विक स्तर पर विध्वंसकारी परिणाम सामने आ रहे हैं।”
जयशंकर ने अमेरिकी चुनाव पर चर्चा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “हम अन्य देशों के चुनावों पर टिप्पणी नहीं करते। अमेरिकी अपना निर्णय लेंगे और हमें पूरा विश्वास है कि पिछले 20 वर्षों के अनुभव के आधार पर हम नए राष्ट्रपति के साथ काम कर सकते हैं…चाहे वह कोई भी हो।”
गौरतलब है कि 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधी टक्कर है। इससे पहले सत्ताधारी पार्टी डेमोक्रेट ने जो बाइडेन को चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन, झलती उम्र के चलते उन्होंने अपना नाम वापस लिया और कमला हैरिस के नाम पर मुहर लगी। मामले के जानकार दोनों उम्मीदवारों के बीच कड़े मुकाबले की भविष्यवाणी कर रहे हैं। हालांकि चुनाव में ट्रंप का पलड़ा ज्यादा भारी है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बन सकते हैं।