भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में भारी उछाल, 4.75 अरब डॉलर की हुई बढ़ोतरी; गोल्ड ने किया कमाल

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 8 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.75 अरब डॉलर बढ़कर 693.62 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार का अच्छा प्रदर्शन देश के व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे की मजबूती को दर्शाता है और इससे आरबीआई को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूत करने की अधिक जगह मिलती है।

मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए को गिरने से रोकने और उसकी अस्थिरता को कम करने के लिए अधिक डॉलर जारी करके हाजिर और वायदा मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करने में सक्षम बनाता है। 8 अगस्त को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां का मूल्य 2.84 अरब डॉलर बढ़कर 583.98 अरब डॉलर हो गया है। विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव डॉलर के रूप में शामिल होता है।
गोल्ड रिजर्व वैल्यू में 2.16 अरब डॉलर की बढ़ोतरी

सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के मुख्य घटकों में से एक गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 2.16 अरब डॉलर बढ़कर 86.16 अरब डॉलर हो गई है। भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के बीच, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सुरक्षित निवेश के रूप में गोल्ड के रिजर्व को तेजी से बढ़ा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने के शेयर को 2021 से लगभग दोगुना कर लिया है। समीक्षा अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार में विशेष आहरण अधिकार की वैल्यू 18.74 अरब डॉलर थी।
आरबीआई गवर्नर ने दी थी जानकारी

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने से अधिक के माल आयात और लगभग 96 प्रतिशत बकाया विदेशी लोन की फंडिंग के लिए पर्याप्त है। इससे पहले, गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जुलाई में भारत का वस्तु निर्यात 7.29 प्रतिशत बढ़कर 37.24 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 34.71 अरब डॉलर था।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा किअनिश्चित वैश्विक नीतिगत माहौल के बावजूद, जुलाई और वित्त वर्ष 26 में भारत के सेवा और वस्तु निर्यात में अब तक काफी तेज वृद्धि हुई है और यह वैश्विक निर्यात वृद्धि से कहीं अधिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *