यमन के हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी सरकार की नींद उड़ा रखी है. अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों और व्यावसायिक जहाजों पर लगातार मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस साल जनवरी में कहा था कि अमेरिकी सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रही है. अमेरिका ने ऑपरेशन प्रॉसपैरिटी गार्जियन लॉन्च किया है, ताकि मित्र देशों के साथ मिलकर हूती विद्रोहियों के खिलाफ जंग लड़ सकें.
इसके बावजूद हूती विद्रोही मान नहीं रहे. लाल सागर में जितने भी अमेरिकी जंगी जहाज हैं. या उससे जुड़े व्यावसायिक जहाज आते हैं, उनपर मिसाइलों से हमला करते हैं. ये जंग पिछले साल दिसंबर से बढ़ गई है. इन हमलों की वजह से करीब हजारों जहाजों का रास्ता मोड़ा गया. समुद्री लुटेरों की वजह से 20 देश प्रभावित हुए. हूती विद्रोहियों को ईरान से मिसाइलें मिलती हैं. या फिर वो ईरान जैसी मिसाइलें बना लेते हैं.
अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक जहाजों पर तीन दर्जन से ज्यादा हमले हो चुके हैं. इन हमलों से 50 देश प्रभावित हैं. अमेरिका और उसके मित्र 40 देश मिलकर भी हूती विद्रोहियों का सामना नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि हूती अचानक और घात लगाकर मिसाइलों से हमला कर रहे हैं. आइए जानते हैं हूती विद्रोहियों के उन मिसाइलों के बारे में जिनका इस्तेमाल वो सबसे ज्यादा कर रहे हैं…
यह मिसाइल ईरान के Fateh-313 मिसाइल के डिजाइन पर बनी है. इसकी रेंज 450 से 500 किलोमीटर है. ये एक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल है. यह करीब 29 फीट लंबी है. इसमें टेल फिन लगे हैं. इसका व्यास 2 फीट है. यह अपने साथ 380 किलोग्राम वजन का हथियार लेकर जा सकती है. इसकी स्पीड के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन माना जाता है कि ये 4500 से 5700 km/hr की स्पीड से उड़ान भरती है.
ये मिसाइल को Raad-500 मिसाइल का क्लोन माना जाता है. इसकी रेंज 500 किलोमीटर है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. यह इंफ्रारेड सीकर तकनीक पर काम करती है. इसमें 300 किलोग्राम हथियार लोड किया जा सकता है. जो किसी भी बड़े युद्धपोत को डुबोने के लिए काफी है.
ईरान की नूर मिसाइल का हूती वैरिएंट. इसकी रेंज 300 किलोमीटर है. यह राडार होमिंग पर नेविगेट करने वाली एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है. इसमें 185 किलोग्राम वजनी वॉरहेड लगता है.