पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा की तारीख कन्फर्म होने के साथ ही अमेरिका में रह रहे भारतीयों का उत्साह उफान पर है. पीएम की यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि चंद हफ्ते पहले पीएम मोदी का अमेरिकी भारतीयों को संबोधन महत्वपूर्ण होगा. अमेरिका की यात्रा इस बार ऐसे समय में हो रही है जब डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भारतीय मूल की कमला हैरिस के बीच ये चुनाव होना है.
अगस्त की शुरुआत से ही आइलैंड में इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं जो पीएम मोदी के सितंबर 2014 में न्यूयॉर्क के फेमस मैडिसन स्क्वायर गार्डन में हुए संबोधित करने के 10 साल बाद हो रहा है. तब उन्होंने पहली बार बतौर प्रधानमंत्री कार्यभार संभाला था. पीएम के आगामी संबोधन को लेकर कितना बड़ा उत्साह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय प्रवासियों के 24,000 से अधिक सदस्यों ने इसे सुनने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ यूएसए के मुताबिक, 24000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों ने रजिस्टर करवा लिया है. यह नासाउ वेटरन्स मेमोरियल कोलेजियम में होगा.
22 सितंबर को पीएम ‘मोदी और अमेरिका एक साथ प्रगति करें’ प्रोग्राम के तहत संबोधन करेंगे और जिस जगह यह होना है वहां लोगों की कुल कैपेसिटी 15,000 है मगर नॉमिनेशन हो गया है 24 हजार लोगों का. माना जा रहा है कि अमेरिका के 42 राज्यों से भारतीय अमेरिकी भाग ले सकते हैं. इसके बाद पीएम मोदी 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित करेंगे. हालांकि इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ यूएसए ने कहा है कि हम लोगों के बैठने की व्यवस्था को बढ़ाने की कोशिश करेंगे.
अमेरिका में 10 सितंबर को अमेरिकी चुनावों से पूर्व की आखिरी और सबसे बड़ी प्रेजिडेंट डिबेट होनी है. युवाओं के बीच कमला हैरिस का पलड़ा अधिक भारी दिखता है हालांकि हैरिस के आलोचक कहते हैं कि उन्हें बड़े और गंभीर मसलों पर अपनी राय रखनी बाकी है. ऐसे में प्रेजिडेंशल डिबेट काफी हद तक चुनावी नतीजों को लेकर इंडीकेट कर देगी. 2019 में पीएम मोदी ने टेक्सास के ह्यूस्टन में एनआरजी स्टेडियम में मेगा कम्युनिट प्रोग्राम ‘हाउडी मोदी’ को संबोधित किया था जहां उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी शामिल हुए थे. (एजेंसियों से भी इनपुट)