टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर: इनकम टैक्स विभाग ने संपत्ति की जानकारी देने के लिए तय की तारीख

Income Tax Dept: आयकर विभाग ने सभी टैक्सपेयर्स को चेताया है कि अगर उन्होंने पिछले वित्त वर्ष की आयकर रिटर्न में अपनी विदेशी आय या विदेशों में रखी संपत्तियों का खुलासा नहीं किया है, तो वे 31 दिसंबर 2025 से पहले अपनी रिटर्न संशोधित कर दें। विभाग ने यह सलाह अपने दूसरे NUDGE कैंपेन के तहत दी है, जिसके जरिए CBDT ऐसे टैक्सपेयर्स को SMS और ईमेल भेजकर रिटर्न दोबारा चेक करने के लिए कह रहा है। इस अभियान का मकसद है- डेटा के आधार पर बिना दबाव डाले टैक्सपेयर्स को सही जानकारी देने के लिए प्रेरित करना। इससे पहले नवंबर 2024 में शुरू हुए पहले कैंपेन में करीब 24,678 लोगों ने अपनी रिटर्न में सुधार किया था, जिससे 29,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी संपत्तियों और 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी आय का खुलासा हुआ था।

क्या है मामला

CBDT ने इस बार भी कई ऐसे हाई-रिस्क मामलों की पहचान की है जहां टैक्सपेयर्स के पास विदेशी संपत्तियां होने की संभावना है, लेकिन उन्होंने ITR में इसकी जानकारी नहीं दी। भारतीय कानून के मुताबिक, हर टैक्सपेयर को विदेशों में मौजूद अपनी संपत्तियां और वहां से हुई कमाई की जानकारी देना अनिवार्य है। खास बात यह है कि विदेशी संपत्तियों की रिपोर्टिंग वित्त वर्ष के हिसाब से नहीं बल्कि कैलेंडर ईयर के आधार पर की जाती है। यानी FY 2024-25 (AY 2025-26) के लिए विदेशी संपत्तियों और आय का खुलासा जनवरी से दिसंबर 2024 तक की अवधि के अनुसार करना होगा।

विभाग ने क्या कहा

विभाग ने यह भी साफ किया है कि जिन लोगों के पास विदेशी आय या विदेशी निवेश हैं, उन्हें ITR भरते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे टैक्सपेयर्स को सही ITR फॉर्म चुनना होगा—जैसे ITR-2 या ITR-3, क्योंकि ITR-1 और ITR-4 का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। साथ ही शेड्यूल FA, शेड्यूल FSI, शेड्यूल TR और जरूरत पड़ने पर Form 67 भरना जरूरी है। उदाहरण के लिए, अगर किसी भारतीय ने अमेरिकी शेयरों में निवेश किया है, तो उसे विदेशी आय की जानकारी इन शेड्यूल्स में देनी होती है, भले ही उससे आय हुई हो या नहीं। गलत रिपोर्टिंग आगे चलकर भारी पेनल्टी का कारण बन सकती है।

टैक्स विभाग ने यह भी याद दिलाया है कि भारत के पास विदेशी निवेशों को ट्रैक करने का एक मजबूत सिस्टम पहले से मौजूद है। भारत, CRS और FATCA समझौते के तहत अमेरिका सहित कई देशों से भारतीय नागरिकों के विदेशी बैंक खातों, निवेशों, आय, ब्याज और डिविडेंड की पूरी जानकारी प्राप्त करता है। ऐसे में विदेशी संपत्तियों को छिपाना लगभग असंभव है और ऐसा करने पर कई लाख रुपये तक की भारी सज़ा लग सकती है। जिन्हें अपनी रिटर्न संशोधित करनी है, वे जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच मिली विदेशी आय को ध्यान में रखते हुए AY 2025-26 की संशोधित ITR फाइल करें, ताकि आगे किसी कानूनी कार्रवाई या पेनल्टी से बचा जा सके।

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